मिट्टी की गुणवत्ता तथा पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए खेतों में पराली ना जलाएं किसान : जिलाधिकारी
किसानों को फसल अवशेष को सड़ाने के लिए पूसा डीकंपोजेस (100 ml ) निशुल्क वितरित करेगा क़ृषि बिभाग :- उपनिदेशक कृषि
पराली जलाने वाली किसान के ऊपर 25 सौ से 15 हजार तक लगेगा जुर्माना : जिला कृषि अधिकारी
महराजगंज, 02 नवंबर 2022, फसल अवशेष को ना जलाने और फसल अवशेष प्रबंधन उपाय के प्रति किसानों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कृषि विभाग के प्रचार वाहन को कलेक्ट्रेट परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने किसानों से अपील की मिट्टी की गुणवत्ता बनाये रखने और पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए किसान भाई पराली जलाने से बचें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न सिर्फ मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान होता है। इसके अलावा किसानों को दंडात्मक कार्यवाही और जुर्माने का भी सामना करना पड़ सकता है।
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रचार वाहन अगले एक महीने तक सभी न्याय पंचायतों में जाकर लोगों के पराली जलाने के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ पराली को समाप्त करने हेतु आई.आर.आई. नई दिल्ली द्वारा विकसित पूसा डिकम्पोजर के इस्तेमाल और इसके लाभ के बारे में भी बताएगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग पूसा डिकम्पोजर की 100 मि.ली. के डब्बे निःशुल्क वितरित करेगा। इनका वितरण कृषि विभाग के सभी बीज गोदामों के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूसा डिकम्पोजर के 100 मि.ली. को 200 लीटर पानी मे 02 किलो गुड़ के साथ डालकर घोल बनाकर पराली पर डालने से पराली जैविक ढंग से नष्ट हो जाती है और मिट्टी की गुणवत्ता के लिये भी यह फायदेमंद रहता है।
जिला कृषि अधिकारी ने भी किसानों से पराली न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर किसान पराली जलाएंगे तो उन्हें 2500/- से लेकर 15000/- तक के जुर्माने के साथ-साथ एनजीटी अधि. की धारा 24 व 26 के तहत एफआईआर का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सभी किसान भाई पराली जलाने से बचें।
इस अवसर पर कृषि विभाग के समस्त कर्मचारी भी उपस्थित रहे।