गरीब हूँ साहब,2000 रूपये का चालान कहा से भरु।
हर्षोदय टाइम्स – सतीश शुक्ला / सहजनवा
गोरखपुर। शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर बृहस्पति वार को ए डी जी ट्रैफिक जिम्मेदारों को ट्रैफिक से सम्बंधित पाठ पढ़ा रही थी। वही दूसरे तरफ चाय वाले का 2000 का मनमाने ढंग से चालान कटने पर बीच सडक पे हेलमेट पहनकर धरने पर बैठ गया
नौका विहार पर चाय का स्टाल लगाने वाले युवक का 2 हजार रुपए का चालान कटा तो वह अम्बेडकर चौराहे पर ही हेलमेट लगाए ही धरने पर बैठ गया। सूचना पर तत्काल कैन्ट थाने की पुलिस पहुंची और युवक को समझाने का प्रयास करने लगी। युवक को इस तरह बैठा देख वहां लोगों की भीड़ जुट गई। इसके बाद युवक ने रोते हुए अपनी बात कही। उसने कहा कि जबतक उसका चालान माफ नहीं होता,तब तक वह धरने से नहीं उठेगा। कुछ देर तक धरना पर बैठे रहने के बाद कैंट पुलिस ने समझाबुझा कर उसे धरने से उठा दिया।
फर्जी चालान से आहत चायवाला रोते हुए अपनी व्यथा बताया
संतकबीर नगर जिले के रहने वाले मदन मोहन किराए का रूम लेकर गोरखपुर में रहता है। मदन ने बताया कि वह रामगढ़ताल के नौका विहार पर आचार्य टी स्टाल चलाता। रोजाना 200 से 300 रूपये कमाता है। बुधवार को वह बाइक से अंबेडकर चौरहे से गुजर रहा था। मदन के मुताबिक बाएं लेन में आगे गाड़िया थी, वह भी उनके पीछे अपनी गाड़ी ले के खड़ा था। इस दौरान उसका 2000 का चालान कट गया। गुरुवार को मदन मोहन उसी अंबेडकर चौराहे पर धरने पर बैठ गया। धरने पर हाथ में तख्ती लेकर बैठा था। वह चालान कटने पर रोने लगा। यह देख भीड़ लग गई और कैन्ट की कलेक्ट्रेट चौकी पुलिस, ओटीएमएस के लोग भी पहुंच गए। उसे मनाने में पुलिस वाले जुट गए।
मदन मोहन ने बताया कि वह गरीब परिवार से है। इतनी कमाई नहीं है तो कहां से चलाना का पैसा जमा करेगा। उसका 2000 का चालान माफ किया जाय। युवक का इससे पहले भी 2 बार 5 हजार का चालान कट चुका है। एक बार बिना हेलमेट में कटा था, जिसके बाद उसने हेलमेट वाला चालान जमा किया था। युवक ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस उन लोगों का मनमाना चालान काटती है,जो बाहरी जिलों जैसे कुशीनगर, देवरिया,महराजगंज, संतकबीरनगर से यहां आते हैं। पुलिस पुलिस ने उसे समझाबुझा कर धरने से उठा दिया।