जिला अस्पताल में रात 12:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच प्रसव सुविधा ना होना गंभीर विषय : डॉ पद्मिनी कश्यप
सीआरएम टीम की प्रमुख और उपायुक्त मातृत्व सुरक्षा भारत सरकार पद्मिनी कश्यप ने जिले के 12 सीएचसी, 8 पीएचसी, 06 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निरीक्षण करने के बाद जिला प्रशासन के साथ बैठक कर दी जानकारी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स): , जिलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में सीआरएम टीम के सर्वेक्षण में प्राप्त फीडिंग के संदर्भ में बैठक की गई।
बैठक में सीआरएम टीम की प्रमुख और उपायुक्त मातृत्व सुरक्षा, भारत सरकार डॉ. पद्मिनी कश्यप ने कहा कि सीआरएम का लक्ष्य देश के स्वास्थ्य ढांचे व चिकित्सा सेवा को बेहतर करना है और जमीन पर उनका बेहतर क्रियान्वयन हो यह सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी ब्लॉकों में 12 सीएचसी, 08 पीएचसी, 06 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और जिला अस्पताल का सर्वे करने के बाद हम जिला प्रशासन के साथ अपने अनुभवों को साझा करना चाहते हैं, ताकि जनपद की स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जनपद के स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी अच्छी चीजें देखने को मिली। इनमें कुशल मानव संसाधन, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का बेहतर क्रियान्वयन, रिकॉर्ड कीपिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि शामिल हैं। लेकिन कुछ चीजें हैं जिनको सुधार कर हम स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक गुणवत्तापूर्ण बना सकते हैं।
उन्होंने कहा मातृत्व मृत्यु समीक्षा और शिशु मृत्यु समीक्षा को मजबूत करने के लिए कहा ताकि मौत के कारणों को चिन्हित कर मृत्यु दर को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर गर्भवती महिलाओं की 04 एएनसी न होने की बात सामने आयी। सभी आशाओं को संवेदित करें कि गर्भवती महिलाओं की चारों एएनसी को सुनिश्चित करें। उन्होंने 15वें वित्त के अल्प उपयोग के संदर्भ में कहा कि इसका उचित और नियोजित उपयोग कर स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर करें।
डॉ. पद्मिनी ने कहा कि जिला अस्पताल में रात 12:00 से प्रातः 06:00 बजे तक प्रसव सुविधा न होना गंभीर विषय है और तत्काल 24 घण्टे प्रसव सुविधा को सुनिश्चित करें। उन्होंने गाइडलाइन्स का पालन करते हुए पीपीपी मोड पर ब्लॉकों पर जांच सुविधा उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने बायो-मेडिकल कचरे के उचित प्रबंधन को भी मजबूत और वैज्ञनिक बनाने का सुझाव दिया। आरबीएसके कर्मियों के गहन प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने यूएनडीपी, यूनिसेफ सहित विभिन्न आनुषंगिक संस्थाओं को भी स्वास्थ्य विभाग के साथ सक्रिय सहयोग और समन्वय करते अपनी भूमिका के बेहतर निर्वहन के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार ने सीआरएम टीम के सुझावों के संदर्भ में तत्काल जिला अस्पताल में 24 घण्टे प्रसव सुविधा बहाल करने के लिए सीएमएस को निर्देशित किया।
उन्होने सीएचओ की नियमित मासिक बैठक मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में करने का भी निर्देश दिया। एमडीआर और सीडीआर के संदर्भ उन्होंने कहा कि आशा से लेकर चिकित्सा अधिकारी तक सबको प्रोटोकॉल पता है, जरूरत सकारात्मक रूप से क्रियान्वयन की है। अपेक्षा है कि सभी लोग टीम के सुझावों पर अमल करते हुए जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच दूरस्थ स्थानों पर अंतिम व्यक्ति तक पहुंछाने का प्रयास करेंगे।
जिलाधिकारी ने केंद्रीय टीम का आभार व्यक्त किया और आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन टीम के सुझावों को लागू करेगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री गौरव सिंह सोगरवाल, हेड सामुदायिक चिकित्सा पीजीआईएमईआर डॉ. अरुण अग्रवाल, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, यूएनडीपी सिक्किम डॉ योगिता शर्मा, सीएमओ डॉ नीना वर्मा, एसीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, डॉ राकेश कुमार व डॉ आइ.ए. अंसारी, डीपीएम नीरज कुमार सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।