शक के दायरे में कृषि विभाग की कारगुजारी : एक ही कृषि यंत्र पर पति-पत्नी दोनों को दिया अनुदान
आलाधिकारियों ने एटीएम पर कार्रवाई कर झाड़ लिया पल्ला
आत्मा योजना के सहायक तकनीकी प्रबंधक ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिख लगाई न्याय की गुहार
महराजगंज, 1 मई (हर्षोदय टाइम्स) : कृषि यंत्रों के अनुदान में घोटालों की चर्चाओं में शुमार महराजगंज का कृषि विभाग में एक बार फिर बोतल से जिन्न बाहर निकला है। कृषि विभाग के पीड़ित कर्मचारी ने महामहिम राष्ट्पति को पत्र भेजकर जो आरोप लगाया है। वह हैरान कर देने वाली बात है। कृषि यं़त्रों पर दिए गए अनुदान में भारी गोलमाल का मामला सामने आया है। आरोप है कि विभाग के पटल सहायकों द्वारा एक ही कृषि यंत्र पर एक ही परिवार में पति और पत्नी को अलग-अलग दो वित्तीय वर्ष में बीजीआरईआई योजना के तहत दो बार अनुदान दिया गया है।
अपना गला फंसते देख अधिकारियों द्वारा इसी मामले में भारत सरकार द्वारा संचालित योजना आत्मा के तहत किंकर सिह सहायक तकनीकी प्रबंधक एटीएम सदर को पुनःतत्काल प्रभाव से सेवा प्रदाता कम्पनी को वापस कर दिया गया है। पीडित कर्मचारी किंकर सिंह एनजीओ रामा इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड सम्बद्व कृषि विभाग महराजगंज का क्षेत्रीय कर्मचारी है, जो उत्तर प्रदेश में आत्मा योजनान्तर्गत सबमिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन में कार्यकर्ता है। इस योजना के तहत उप कृषि निदेशक द्वारा आत्मा प्रदर्शन कराने एवं प्रचार-प्रसार व छोटे-मोटे कार्यों की अनुमति दी जाती है।
क्षेत्रीय कर्मचारी किंकर सिंह ने राष्ट्पति को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि शासन के पत्र संख्या 1702/12-1- 2022- 918/20 दिनांक 19 अक्तूबर 2022 के तहत अधिकारियों अपने पटल सहायको/ लिपिको को बचाने के लिए मेरे उपर किसान द्वारा झूठा आरोप लगवाया गया और मेरा सेवा समाप्त कर दिया गया है। किंकर सिंह ने मामले का राजफाश करते हुए बताया कि पारदर्शी किसान कृषि विभाग के बेबसाइड यूपी एग्रीकल्चर डाट काम पर पता चला कि मेरी शिकायत करने वाला किसान जय कुमार इन्द्रजीत व उसकी पत्नी बेचनी देवी पत्नी जयकुमार दोनों सदर ब्लाक के कृतपिपरा गांव निवासी है। इन्होंने बिना यंत्र खरीदे की अनुदान का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि एक ही कृषि यंत्र मल्टीक्राप थ्रेशर पर दो वित्तीय वर्ष में क्रमशः 2027-18 पंजीकरण संख्या 8302930060 400, धनराशि 40,000 रूपये मात्र 11 फरवरी 2018 रसीद संख्या 6758 व वित्तीय वर्ष 2019-20 पंजीकरण संख्या 830594764569053, धनराशि 71428,00 रूपये 16 मार्च 2020 को उप कृषि निदेशक महराजगंज की स्वीकृति के आधार पर पटल सहायकों किसान के खाते में भुगतान किया गया।
जिसमें क्रमशः दो अलग-अलग बिल तो लगे हुए हैं, लेकिन हकीकत में उस दुकान/फर्म के द्वारा इस प्रकार का कोई बिल एवं ई-वे बिल नही जारी किया गया है। इसी जांच के दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने कर्मचारी व पटल सहायकों को बचाने के लिए पीडित कर्मचारी पर आरोप लगाकर फंसाया गया है कि उसके द्वारा किसान से 58 हजार रूपये नकद लिया गया है। जबकि यह बात पूरी तरह से झूठा साबित हो रहा है। पीडित कर्मचारी यह भी आरोप लगाया है कि कर्मचारी को बिना किसी प्रकार नोटिस अथवा आरोप का साक्ष्य दिए ही बिना सेवा समाप्ति का पत्र वाट्सअप पर जारी कर दिया गया है।
पीड़ित कर्मचारी किंकर सिंह ने कहा कि कृषि विभाग में सैकड़ों ऐसे मामले हैं। जिसमें कृषि यंत्रों पर फर्जी तरीके से अनुदान का भुगतान किया गया है। उन्होंने इस मामले की प्रशासिनक अधिकारियों से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने फर्म पर जीएसटी एवं ईवे बिल का भी जांच की मांग करते हुए दोषी पटल सहायक व लिपिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाय।