सीबीआई ने रेलवे अधिकारी केसी जोशी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा , 2.61 करोड़ कैश बरामद , कई अफसरों के नाम कबूले

हर्षोदय टाइम्स : गोरखपुर
गोरखपुर रेलवे दफ्तर से 3 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर केसी जोशी को CBI बुधवार की सुबह लेकर लखनऊ चली गई। टीम ने उसे CBI की स्पेशल कोर्ट में में पेश करेगी। CBI केसी जोशी को रिमांड पर लेने की तैयारी में है। उम्मीद है कि CBI उसकी रिमांड भी कोर्ट में अप्लाई करेगी। क्योंकि, CBI अब NE रेलवे में चल रहे कमीशनखोरी के इस खेल की तह तक पहुंचने में लगी है।
वहीं, CBI ने केसी जोशी के गोरखपुर और नोएडा के सेक्टर 50 स्थित आवास पर छापामारी कर 2.61 करोड़ रुपए कैश बरामद किए हैं। साथ ही CBI को छापामारी के दौरान कई संदिग्ध डाक्यूमेंट्स भी मिले। जिसके बाद CBI ने उसके कंम्यूटर और हार्ड डिस्क को कब्जे में ले लिया।
हालांकि, CBI की एक टीम अब भी गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। CBI की पूछताछ के दौरान केसी जोशी ने कई चौकाने वाले खुलासे कर रेलवे अफसरों की नींद उड़ा दी है। आइए जानते हैं, रेलवे में चल रही रिश्वतखोरी के खेल में केसी जोशी ने किन अफसरों के नाम लिए हैं…।
हर काम में फिक्स है रेलवे अफसरों का कमशीन
CBI के हत्थे चढ़े आरोपी केसी जोशी ने रेलवे में चल रही कमीशखोरी के खेल में यहां के 3 डिप्टी मैटीरियल मैनेजर और एक मैटीरियल मैनेजर का भी नाम भी लिया है। इतना ही नहीं, उसने CBI को बताया है कि रेलवे में कोई भी ठेका या टेंडर बिना कमीशन के नहीं होता। जिसमें नीचे से लेकर उपर तक के अफसरों का कमीशन फिक्स होता है। कमीशन मिलने के बाद ही टेंडर और ठेका अलार्ट किया जाता है। जिसके बाद अब CBI इस मामले में अन्य अफसरों से पूछताछ करने की तैयारी में है।
रेलवे अफसरों की गले की फांस बन गया केसी जोशी
CBI सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इस मामले में रेलवे में कुछ अन्य लोगों से पूछताछ करने के साथ ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है। क्योंकि, गिरफ्तारी के बाद केसी जोशी ने CBI के सामने सिर्फ अपना गुनाह ही नहीं कबूल कर लिया। बल्कि उसने रेलवे में चल रही कमीशनखोरी के इस खेल से पूरी तरह पर्दा ही उठा दिया है।
वहीं, CBI की इस कार्रवाई के बाद NE रेलवे मुख्यालय में बुधवार को भी पूरे दिन हड़कंप मचा रहा। जीएम दफ्तर से लेकर अन्य सभी विभागों में सन्नाटा छाया हुआ है। रेलवे के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
अब आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला…
रेलवे का चीफ मैनेजर CBI ने रंगे हाथों दबोचा
गोरखपुर रेलवे दफ्तर में मंगलवार को CBI की रेड से हड़कंप मच गया। CBI ने NE रेलवे गोरखपुर में तैनात चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर केसी जोशी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जेम पोर्टल के जरिए रेलवे का टेंडर हासिल करने वाली फर्म के मालिक ने 7 लाख रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।
जांच के दौरान शिकायत सही मिलने पर CBI लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम मंगलवार को गोरखपुर पहुंची। यहां टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। CBI मैनेजर के दफ्तर समेत उसके गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास पर देर रात तक छानबीन करती रही। CBI को उसका नोएडा के सेक्टर 50 स्थित में भी आवास होने का पता चला, जहां वे परिवार संग रहता है। इसके बाद CBI की टीम ने वहां भी छापामारी की। गोरखपुर और नोएडा से टीम ने 2.61 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किए हैं। इसके अलावा CBI को छापामारी के दौरान उसके संपत्तियों और निवेश के दस्तावेज के साथ ही और कीमती चीजें भी मिली हैं।
ठेकेदार ने की थी शिकायत
दरअसल, गोरखपुर के अलहदादपुर के रहने वाले प्रणव त्रिपाठी ‘सूक्ति एसोसिएट फर्म’ के प्रोपराइटर हैं। उनकी फर्म जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है। वे अपनी फर्म के जरिए से पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और अन्य सरकारी विभागों में उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराते है। प्रवीण को जनवरी महीने में NE रेलवे में तीन ट्रक की सप्लाई का टेंडर जेम पोर्टल के जरिए मिला था।
7 सितंबर को ठेकेदार ने की थी शिकायत
इसका उन्हें प्रतिमाह 80 हजार रुपए प्रति ट्रक भुगतान होना था। उन्होंने 7 सितंबर को CBI के ACB विंग के SP से की गई शिकायत में कहा कि पूर्वोत्तर रेलवे में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी ने धमकी दी कि अगर उसने 7 लाख रुपए रिश्वत नहीं दी, तो उसका टेंडर जेम पोर्टल से निरस्त करा देंगे। उन्होंने फर्म का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के लिए पत्र भी लिख दिया है। इसके अलावा जो पुराने काम चल रहे हैं, उसे भी रद्द करवाने की बात कह रहे हैं।
प्रणव ने 3 लाख रुपए लेकर कर्मचारी को भेजा
CBI ने जांच कि तो शिकायत सही मिली। इसके बाद CBI की टीम चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर को ट्रैप करने के लिए गोरखपुर पहुंची। CBI मैनेजर को रंगे हाथ पकड़ना चाहती थी। इसलिए टीम ने प्रणव से भी संपर्क किया।
ठेकेदार बनकर केसी जोशी तक पहुंची थी CBI
सूत्रों की मानें तो केसी जोशी से ठेकेदार बनकर CBI के लोगों ने मुलाकात भी की थी। उन्हें भनक तक नहीं लगी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों से CBI को मामले में सचाई नजर आई। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर मंगलवार को CBI ने केस दर्ज कर किया। फिर उसकी गिरफ्तारी का प्लान बना। CBI के कहने पर प्रणव ने अपने कर्मचारी के जरिए रिश्वत के 3 लाख रुपए केसी जोशी के सरकारी बंगले पर भेजे। जैसे ही उसने रिश्वत की रकम ली, वहां पहले से मौजूद CBI की टीम ने छापा मारकर आरोपी को रंगेहाथ दबोच लिया।