अंतरराष्ट्रीय

भारत को रोशन करेगा दोस्‍त नेपाल , पीएम प्रचंड के चीन दौरे से पहले बड़ा ऐलान, ड्रैगन को करारा झटका

हर्षोदय टाइम्स: उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू / नेपाल : भारत और नेपाल के बीच बिजली ट्रांसमिशन को लेकर कई समझौते हुए हैं। भारत अब नेपाल से ज्‍यादा बिजली खरीदने जा रहा है और इसके लिए ट्रांसमिशन लाइनों को बनाया जा रहा है। यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब नेपाल के प्रधानमंत्री चीन की यात्रा पर जा रहे हैं।

बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहाल प्रचंड 23 सितंबर को चीन की आधिकारिक यात्रा जा रहे हैं। प्रचंड 7 दिनों तक चीन में रहेंगे और उनका चीन के राष्‍ट्रपति से लेकर कई नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है । प्रचंड की इस चीन यात्रा से ठीक पहले भारत और नेपाल के बीच बिजली को लेकर बड़ा समझौता हुआ है

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहाल प्रचंड 23 सितंबर को चीन की आधिकारिक यात्रा जा रहे हैं। प्रचंड 7 दिनों तक चीन में रहेंगे और इस दौरान उनका चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से लेकर कई शीर्ष नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है। प्रचंड के साथ उनकी बेटी गंगा दहाल और विदेश मंत्री एनपी सउद समेत कई बड़े मंत्री भी चीन जा रहे हैं। प्रचंड की इस चीन यात्रा से ठीक पहले भारत और नेपाल के बीच बिजली को लेकर बड़ा समझौता हुआ है। भारत और नेपाल के अधिकारी दोनों देशों के बीच बिजली के व्‍यापार को बढ़ाने पर सहमत हुए हैं और इसके लिए कई ट्रांसमिशन कॉरिडोर खोला जाएगा।

काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्‍त तकनीकी कमेटी की 14 वीं बैठक में धालकेबार-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के जरिए बिजली के व्‍यापार को बढ़ाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा निर्माणाधीन सीमापार बिजली की लाइनों के काम में तेजी लाने पर सहमति भी बनी है ताकि बिजली के व्‍यापार को तेज किया जा सके। समझौते के मुताबिक धालकेबार-मुजफ्फरपुर ट्रांसमिशन लाइन के जरिए 800 मेगावाट को बढ़ाकर 1000 मेगावाट तक करने पर सहमति बनी है।

चीन ने भारत- नेपाल डील पर कसा था तंज

दोनों देश नौतरवा-मैनैया लाइन को अक्‍टूबर तक पूरा करने पर सहमत हुए हैं। इसका इस्‍तेमाल बिजली के आयात और निर्यात करने के लिए किया जा सकता है। भारत के साथ इस ताजा समझौते के जरिए नेपाल की कोशिश है कि बिजली के निर्यात को बढ़ाया जा सके। भारत सरकार ने नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड की नई दिल्‍ली यात्रा के दौरान वादा किया था कि उनका देश अगले 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली नेपाल से खरीदेगा। वहीं खराब सीमापार ट्रांसमिशन लाइन की वजह से इसमें बाधा आ रही है। नेपाल के अंदर भी ट्रांसमिशन लाइन ठीक नहीं है।

भारत और नेपाल के बीच यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब नेपाल के पीएम चीन जा रहे हैं। नेपाल में चीन के राजदूत ने भारत के साथ नेपाल के बढ़ते र‍िश्‍ते पर पिछले दिनों तंज कसा था। चीन को भारत और नेपाल के बीच दोस्‍ती रास नहीं आ रही है और यही वजह है कि वह इस हिमालयी देश को भड़काने में लगा हुआ है। यही नहीं चीन को नेपाल और अमेरिका के बीच एमसीसी समझौते से भी आपत्ति है और माना जा रहा है कि जिनपिंग और प्रचंड की बातचीत में यह मुद्दा उठ सकता है। चीन को डर है कि भारत और अमेरिका उसे पड़ोसी देश नेपाल में घेरने की कोशिश कर रहे हैं।

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