पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण नेपाल के चार दिवसीय दौरे के बाद वापस हरिद्वार के लिए रवाना , सोनौली बार्डर पर हुआ भव्य स्वागत

भारत और नेपाल का सनातन से है अटूट रिश्ता,इस रिश्ते को बनाए रखना हम सब का कर्तव्य- आचार्य बालकृष्ण महामंत्री पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट हरिद्वार
मनोज कुमार त्रिपाठी/उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण आज नेपाल के चार दिवसीय दौरे के बाद वापस हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। नेपाल से वापस लौटते समय आचार्य बालकृष्ण का भारत-नेपाल के सोनौली बार्डर पर लोगों ने भव्य स्वागत किया। ज्यों ही उनका काफिला सोनौली बार्डर पर पहुंचा इलाका प्रहरी कार्यालय बेलहिया नेपाल के इंस्पेक्टर कृष्ण प्रसाद विष्ट, चौकी प्रभारी सोनौली अंकित कुमार सिंह, नेपाल इंटर मोडल के प्रभारी रवि पारिख ,रुकमान सिंह एस आई पर्यटन कार्यालय बेलहिया,हेड कांस्टेबल रोशन, गांव समाज बेलहिया के अर्जुन गिरी, युवा संघ अध्यक्ष अमरेन्द्र गिरी, रविन्द्र रौनियार, पशुपति कांदू, भारत- ने पाल मैत्री संघ के आजीवन सदस्य मनोज कुमार त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष श्रीचंद गुप्ता ने भव्य स्वागत किया।
बता दें कि आज सुबह 11 बजे पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण सोनौली बार्डर पर गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ पहुंचे थे जहां नेपाल के बेलहिया इलाका प्रहरी कार्यालय के इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार विष्ट, सोनौली चौकी प्रभारी अंकित कुमार सिंह,नेपाल- भारत मैत्री संघ के आजीवन सदस्य मनोज कुमार त्रिपाठी, नेपाल इंटर मोडल के प्रभारी रवि पारिख,एस आई पर्यटन रुकमान सिंह,हेड कांस्टेबल रोशन, अर्जुन गिरी, अमरेन्द्र गिरी,रवि रौनियार, पशुपति कांदू और भारत- नेपाल मैत्री संघ के जिलाध्यक्ष श्रीचंद गुप्ता ने आचार्य बालकृष्ण , पतंजलि योगपीठ काठमांडू ट्रस्ट के अध्यक्ष शालीग्राम सिंह, महेंद्र पांडे ट्रस्टी काठमांडू का भव्य स्वागत किया।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने हर्षोदय टाइम्स के नेपाल संवाददाता मनोज कुमार त्रिपाठी से बातचीत के दौरान कहा कि मेरा चार दिवसीय नेपाल का दौरा पूरी तरह से सार्थक रहा। उन्होंने कहा कि वह अपने संतों के साथ नेपाल में दशहरा पर्व मनाने आए थे और यहां आकर अलग तरह की अनुभूति हुई। उन्होंने कहा कि नेपाल में दशहरा मनाने के साथ – साथ नेपाल के लिए पतंजलि योगपीठ क्या कर सकता है इसके बारे में भी काफी कुछ संभावनाओं को टटोला गया। उन्होंने कहा कि नेपाल हमारा सबसे अभिन्न मित्र राष्ट्र है और यह दो देशों का राजनीतिक ही नहीं बल्कि दिलों का मेल है। हम नेपाल में रोजगार के लिए क्या कर सकते हैं उसके बारे में भी नेपाल के लोगों से गहन विचार हर तरह के संभावनाओं पर विचार विमर्श किया गया। नेपाल में आर्थिक मंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग पुरूषार्थ करे देश के प्रति सजग रहें और मेहनत से काम करे निश्चित तौर पर आर्थिक मंदी से निजात मिलेगी।
बताते चलें कि यूएसए के विश्वविद्यालय स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी और यूरोपियन पब्लिशर्स एल्सेवियर की जारी विश्व के अग्रणी वैज्ञानिकों की सूची में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण को शामिल किया गया है। इससे पूर्व भी यूएनओ की संस्था (यूएनएसडीजी ) आचार्य बालकृष्ण को सम्मानित कर चुकी है। आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि की टीम ने हिमालय के गंगोत्री रेंज की तीन अनाम चोटियों का सफलतापूर्वक आरोहण कर उनका नामकरण भी किया है। इनमें सबसे ऊंची चोटी का नाम राष्ट्र ऋषि, दूसरी चोटी का नाम योग ऋषि और तीसरी चोटी का नाम आयुर्वेद ऋषि रखा गया है। इन तीनों चोटियों के मध्य के क्षेत्र का नाम ऋषि ग्लेशियर ( ऋषि बामक) रखा गया है।
आचार्य बालकृष्ण से बातचीत करते संवाददाता मनोज कुमार त्रिपाठी