उत्तर प्रदेशमहराजगंज

भाई दूज पर 35 साल बाद मिले भाई बहन, देखते ही बना खुशियों का पल

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : महराजगंज में भी भैया दूज का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। दीपावली के दो दिन बाद अर्थात यम द्वितीया पर सनातन धर्म में भाई दूज का खास महत्व है। वैसे तो धनतेरस से चले त्योहारों का सिलसिला जारी है। कल गोवर्धन पूजा तो आज भैया दूज मनाया जा रहा है। भैया दूज जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है इस दिन बहनें अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाती हैं और उनके मंगल की कामना करती हैं। मान्यता यह है कि इस दिन ऐसा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है।

भैया दूज के पर्व पर आज तमाम भाई अपनी बहन के घर पहुंचे और परंपरा के मुताबिक माथे पर तिलक लगाकर बहनों ने भाइयों का स्वागत किया। नौतनवां के पहाड़ी मोहल्ले में 35 वर्ष बाद एक भाई अपनी बहन के घर पहुंचे। भाई को पाकर बहन के खुशियों का ठिकाना नहीं था।

बता दें कि दीपावली के दो दिन बाद अर्थात यम द्वितीया पर सनातन धर्म में भाई दूज का खास महत्व है। यमराज और द्वितीय तिथि का खास संबंध भी है। मान्यताओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल की द्वितीया को जो भाई अपने बहन के घर का अन्न ग्रहण करता है। मस्तक पर तिलक लगवाता है। उसके उपर से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। पुराणों में कहा गया है कि यमुना अपने प्रिय भाई यमराज को बार-बार अपने घर आने के लिए आमंत्रित करती थी। लेकिन वह नहीं जा पाते थे। एक दिन यमराज अपने बहन यमुना के घर जा पहुंचे। बहन ने उनका आदर सत्कार किया। उनके मस्तक पर तिलक लगाया और अपने भाई यमराज को स्वादिष्ट भोजन भी कराया।

इससे यमराज अत्यंत खुश हुए और बहन से वरदान मांगने को कहा। बहन यमुना ने कहा कि हमारी बस यही विनती है कि प्रत्येक वर्ष आप हमसे मिलने जरूर आए। जिससे यह दिन भाई-बहन के स्नेह का पर्व बनकर सदा याद किया जाए। बताया जाता है कि उस दिन कार्तिक शुक्ल की द्वितीया तिथि थी तभी से इस दिन से भाई दूज मनाए जाने की शुरुआत हुई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}