गोरखपुर

परिजनों ने प्रेस वार्ता कर न्याय की लगाई गुहार

हर्षोंदय टाइम्स -गोरखपुर

हॉस्पिटल संचालिका पर दर्ज किया जाए अपराधिक मुकदमा : पवन

गोरखपुर। जर्नलिस्ट प्रेस क्लब सभागार में पूर्व पूर्वोत्तर रेलवे सलाहकार सदस्य पवन कुमार सिंह, सलाहकार समिति राष्ट्रीय सदस्य भूपेंद्र कुमार पांडेय, एडवोकेट संत कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए डायमंड हॉस्पिटल, दुलारी देवी डायग्नोस्टिक सेंटर संचालिका विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव के ऊपर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सलाखों के पीछे भेजने का मांग किया। जिससे मृतक गौरव सिंह उर्फ सिंकू को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके। उपरोक्त बाते प्रेस वार्ता कर बताया कि गौरव सिंह उर्फ सिंकू सिंह की तबीयत 14 फरवरी 2023 को दोपहर बाद लगभग 04:30 बजे साँस लेने में परेशानी महसूस होने पर अपनी स्कूटी चलाकर गौरव सिंह जांच करवाने के लिए डायमण्ड हास्पिटल, दुलारी देवी डायग्नोस्टिक सेन्टर, रूस्तमपुर ढाला. गोरखपुर पर पहुंचे।

हास्पिटल के संचालक द्वारा अपने हास्पिटल डायमंड हॉस्पिटल, दुलारी देवी डायग्नोस्टिक सेंटर में भर्ती कर लिया गया तथा उपचार किया जाने लगा, उपचार के दौरान रात्रि करीब 08 बजे के आसपास डायमण्ड हास्पिटल द्वारा हम परिजनो को बताया गया कि आपके मरीज गौरव सिंह की तबीयत काफी खराब हो गयी है तथा इन्हें आर्यन हास्पिटल में भर्ती कर दिया गया है। जब हम लोग आर्यन हास्पिटल पहुँचकर गौरव सिंह के बारे में डाक्टर से पूछा गया तो आर्यन हास्पिटल के डाक्टर द्वारा बताया गया कि मरीज की मृत्यु आर्यन हास्पिटल आने के दो घण्टे पूर्व ही हो चुकी थी।

जब हम परिजन द्वारा डायमण्ड हास्पिटल के डा विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव से अपने छोटे भाई गौरव सिंह के इलाज के सम्बन्ध में पूछताछ किया गया तो डायमण्ड हास्पिटल के डाक्टर व स्टाफ के द्वारा कोई भी जानकरी व इलाज से सम्बन्धित पर्ची (केस हिस्ट्री ) देने से मना कर दिया गया तथा उल्टे धौस जमाते हुए थाना- कैण्ट, चौकी प्रभारी बेतियाहाता को हास्पिटल के द्वारा फोन कर बुलवा लिया गया और उल्टे हम लोगों पर हास्पिटल पर बवाल करने की बात हास्पिटल के संचालक व स्टाफ द्वारा की जाने लगी। जब चौकी इंचार्ज को गौरव सिंह के मृत्यु के सम्बन्ध में सारी बात बताया गया तो चौकी इंचार्ज द्वारा हास्पिटल के कर्मचारियों से अस्पताल के कैमरे की फूटेज निकलवाई गई व चौकी इंचार्ज द्वारा पेनड्राइव में गौरव सिंह के द्वारा हास्पिटल में स्कूटी चलाकर हास्पिटल आना और अपने हेलमेट की स्कूटी के डिग्गी में रखना तथा हास्पिटल में स्वयं चलकर जांच करवाने के लिए हास्पिटल में जाना व 03 घंटे बाद गौरव सिंह की डेड बॉडी स्टेचर पर लादकर एम्बुलेन्स से आर्यन हास्पिटल में भेजा जाना और आर्यन हास्पिटल के डाक्टर द्वारा यह कहना की जब एम्बुलेन्स से गौरव सिंह को मेरे हास्पिटल लाया गया। उस समय शाम के करीब 08:17 बजे गौरव सिंह की मृत्यु यहाँ आने के दो घंटे पूर्व हो चुकी थी यानी कि डायमण्ड हास्पिटल के द्वारा तीन घंटे के इलाज के दौरान ही गौरव सिंह की मृत्यु हो जाना और ये बात हम परिजन को न बताकर अपनी लापरवाही को छिपाते हुए दूसरे हास्पिटल में डेड बॉडी सिफ्ट करना डायमण्ड हास्पिटल के डाक्टर व कर्मचारियों की घोर लापरवाही को दर्शाता है।

डायमण्ड हास्पिटल के कैमरे की फुटेज से यह साफ प्रतीत हो रहा है कि अगर हास्पिटल के द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक ढंग से किया गया होता और अन्य अस्पताल में गौरव सिंह को रेफर कर दिया होता तो गौरव सिंह की जान बच जाती लेकिन ऐसा नही किया गया। डायमण्ड हास्पिटल के डाक्टरों व कर्मचारियों के घोर लापरवाही तथा गलत इलाज करने तथा गलत दवा देने के कारण गौरव सिंह की मृत्यु हास्पिटल में हो जाने के पश्चात् परिजनों को गुमराह करते हुए कि गौरव सिंह की तबीयत काफी नाजुक हो गई है दूसरे अस्पताल में सिफ्ट करवाने के बहाने गौरव सिंह के डेड बॉडी को एम्बुलेन्स में लादकर अपने अस्पताल से आर्यन अस्पताल में भेज दिया गया तथा आर्यन हास्पिटल के डाक्टर द्वारा जब यह बताया गया कि गौरव सिंह की मृत्यु यहाँ आर्यन अस्पताल आने से दो घंटे पूर्व ही हो चुकी थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि डायमण्ड हास्पिटल के घोर लापरवाही के कारण गौरव सिंह उर्फ सिंकू सिंह की जान चली गई। जो डायमण्ड हास्पिटल के डाक्टर व लापरवाह कर्मचारियो तथा अस्पताल के गलत क्रियाकलापों की डीएम कृष्ण करुणेश के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी कुमार सिंह ने प्रारंभिक जांच में तमाम खामियां पाते हुए अस्पताल को सील कर दिया डायमंड हॉस्पिटल के दो कर्मचारियों को 151 में चालान करते हुए 14 दिनों के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया लेकिन जिला चिकित्सालय की घोर लापरवाही के वजह से अभी तक जांच प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सका जिसकी वजह से अस्पताल संचालिका डॉ विजयलक्ष्मी श्रीवास्तव के ऊपर अपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हो सका। उपरोक्त गणों ने प्रशासन से प्रेस वार्ता के जरिए मांग किया है कि ऐसे लापरवाह अस्पताल संचालिका के ऊपर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सलाखों के पीछे भेजने का कार्य जिला प्रशासन करें जिससे गौरव सिंह जैसे अन्य किसी व्यक्ति की जाने बच सके और लापरवाह डॉक्टरों के ऊपर कठोर कार्रवाई हो सके।

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