डॉo भीम राव अंबेडकर ने राष्ट्र निर्माण में दिया महत्वपूर्ण योगदान- लोकमित्र पांडेय

हर्षोदय टाइम्स/ अर्जुन चौधरी
सिसवा बाजार/महाराजगंज- भारत रत्न डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने अपने जीवन के 65 वर्षों में देश को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, औद्योगिक, संवैधानिक इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में अनगिनत कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया ये बातें नगर पालिका सिसवा के सरोजनी नगर वार्ड नं 9 के सभासद प्रतिनिधि लोकमित्र पांडेय ने भगवान बुद्ध व अंबेडकर के मूर्तिस्थल पर ध्वजारोहण कार्यक्रम में कहा।
शुक्रवार को पूरे भारत देश में 75वें गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। आज ही के दिन यानि 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को लागू किया गया था जिसके निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकमित्र पांडेय ने सबसे पहले भगवान बुद्ध व अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया तथा मोमबत्ती एवं अगरबत्ती जलाकर पूजन करने के बाद ध्वजारोहण किया। सभी लोगों ने राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति नारे लगाए।
मुख्य अतिथि ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर सभी लोगों को हार्दिक बधाई दी और संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ भीम राव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बाबा साहेब ने कमजोर वर्गों के छात्रों को छात्रावासों, रात्रि स्कूलों, ग्रंथालयों तथा शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से अपने दलित वर्ग शिक्षा समाज (स्था. 1924) के जरिये अध्ययन करने और साथ ही आय अर्जित करने के लिए उनको सक्षम बनाया। सन् 1945 में उन्होंने अपनी पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी के जरिए मुम्बई में सिद्वार्थ महाविद्यालय तथा औरंगाबाद में मिलिन्द महाविद्यालय की स्थापना की। बौद्धिक, वैज्ञानिक, प्रतिष्ठा, भारतीय संस्कृति वाले बौद्ध धर्म की 14 अक्टूबर 1956 को 5 लाख लोगों के साथ नागपुर में दीक्षा ली तथा भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्स्थापित कर अपने अंतिम ग्रंथ “द बुद्धा एण्ड हिज धम्मा” के द्वारा निरंतर वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया।
उन्होंने समता, समानता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को 02 वर्ष 11 महीने और 18 दिन के कठिन परिश्रम से तैयार कर 26 नवंबर 1949 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को सौंप कर देश के समस्त नागरिकों को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और व्यक्ति की गरिमा की जीवन पध्दति से भारतीय संस्कृति को अभिभूत किया।
इस अवसर पर बृजेश कुमार गौतम, घनश्याम, मलख, विजय,दिनेश, मनोज सहित तमाम बच्चे, महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।