महराजगंज में न्यायालय ने आज दिए दो बड़े फैसले

डबल मर्डर में आरोपी को मिली सजाए मौत की सजा, गैंगरेप मामले में 5 अभियुक्तों को मिली आजीवन कारावास की सजा
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
महराजगंज जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय में आज दो बड़े फैसले सुनाए गए। न्यायालय ने डबल मर्डर केस में फांसी के सजा का फैसला सुनाया है। वहीं दूसरे मामले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल यह दोनों मामला पुंरदरपुर थाना क्षेत्र का है।
एसपी सोमेंद्र मीणा ने बताया कि सन 2014 में थाना पुरंदरपुर क्षेत्र अंतर्गत घटित डबल मर्डर केस में अभियुक्त बैजू उर्फ बैजनाथ पुत्र यमुना चौधरी निवासी चन्नीपुर, थाना पुरंदरपुर जनपद महराजगंज को न्यायालय द्वारा फांसी की सजा तथा 2 लाख 25 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया। अभियुक्त ने बहन और भाई की हत्या कर दी थी।उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत महत्वपूर्ण चिन्हित मुकदमों के त्वरित निस्तारण हेतु चलाए गए अभियान के क्रम में पुलिस एवं अभियोजन विभाग के सशक्त व प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप इस मामले में न्यायालय ने निर्णय लिया है।
वहीं दूसरे मामले में तीन साल पहले 12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और उसके हत्या कर दी गई थी।इसी मामले में शुक्रवार को अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश विनय कुमार सिंह (द्वितीय) की अदालत ने गांव के ही पांच दरिंदों को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है।
इस मामले में सीता देवी पत्नी सुग्रीव साहनी निवासी खालिक गढ़, थाना पुरंदरपुर ने केस दर्ज कराया था।पूरे घटनाक्रम के अनुसार सीता देवी की 12 वर्षीय पुत्री 18 जनवरी 2021 की शाम को साइकिल लेकर खालिक गढ़, टोला बैरहवा के पास खरपतवार लेने गई थी। इसी दौरान अज्ञात व्यक्ति उसे पड़कर जंगल की तरफ ले गया। इस घटना को गांव की ही रहने वाली शोभा पुत्री गौरी साहनी ने दूर से देखा था।मौके पर नाबालिग लड़की की साइकिल एवं हवाई चप्पल मिले थे।
इस शिकायत पर पुरंदरपुर थाने द्वारा 28 फरवरी 2021 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।मामले में सात गवाह और 19 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये गये।इसके बाद न्यायालय ने साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर दुष्कर्म और हत्या के मामले में गांव के ही रहने वाले पंकज साहनी, वीरू उर्फ विवेक, गोविंद चौहान, सोनू और रामनयन राजभर को दोषी पाया।
अदालत ने धारा 363, 376 डीबी, 302/149, 201 भारतीय दंड संहिता एवं धारा 6 लैंगिक अपराध अधिनियम के तहत दोषियों को सश्रम उम्र कैद की सजा सुनाई।इसके साथ ही दोषियों को 90 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।मामले में बाल अपचारी पवन विश्वकर्मा को 20 वर्ष की सजा सुनाई गई।