अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस!

आजादी के बाद यूपी में शिक्षा और प्रशासन में आधी आबादी की धमक,पहली बार एक साथ नौ राज्य विश्वविद्यालयों में महिला कुलपति
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
लखनऊ /महराजगंज! यूपी में बदलाव की एक नई तस्वीर सामने आई है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिला नेतृत्व की तस्वीर। वह भी बिना आरक्षण और अतिरिक्त प्रोत्साहन के। अपनी प्रतिभा, कौशल और नेतृत्व क्षमता के बलबूते। यह बदलाव नजर आ रहा है प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में।
यूपी में इस समय 34 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इनमें तकनीकी, कृषि-प्रौद्योगिकी, मेडिकल विश्वविद्यालय तथा एसजीपीजीआई व डाॅ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज लखनऊ भी शामिल हैं। आजादी के बाद प्रदेश में पहला अवसर है जब एक साथ नौ विश्वविद्यालयों की कमान महिला कुलपतियों के हाथ में है। आधी आबादी के लिहाज से हक के अनुसार आधा या त्रिस्तरीय ग्रामीण पंचायतों और शहरी निकायों की तरह यह हिस्सेदारी एक तिहाई जरूर नहीं है। लेकिन, उस ओर लंबा कदम जरूर है।
ये महिला कुलपति न सिर्फ अपने-अपने विश्वविद्यालयों का माहौल बदल रही हैं,
बल्कि कई नवोन्मेषी पहल भी कर रही हैं। न सिर्फ बेटियों में सुरक्षा और आगे बढ़ने का कहीं अधिक हौसला भर रही हैं, बल्कि कई लीक से हटकर छाप छोड़ रही हैं।
खास बात ये है कि डाॅ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों में तो पहली बार महिला कुलपति की नियुक्ति पिछले साढ़े चार वर्षों में ही हुई हैं। पूर्वांचल विश्वविद्यालय में तो लगातार दूसरी महिला कुलपति हैं। डाॅ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की संस्थापक कुलपति की जिम्मेदारी प्रो. उषा टंडन को दी गई है।
बदलाव का श्रेय प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल आनंदीबेन को
इस बदलाव की सूत्रधार हैं आजादी के बाद यूपी की दूसरी महिला राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल हैं । 15 अगस्त 1947 को राज्य की पहली राज्यपाल सरोजनी नायडू हुई थीं। आनंदीबेन ने 29 जुलाई 2019 को यूपी के राज्यपाल की कुर्सी संभाली थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राज्य विश्वविद्यालयों की वह कुलाधिपति भी हुईं। इसके बाद अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में उन्होंने विश्वविद्यालयों में बदलाव के कई उल्लेखनीय प्रयास किए। कई विश्वविद्यालयों में तो उन्होंने पहली बार महिला कुलपति की भी नियुक्ति की।
यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों में महिला कुलपति
प्रो. प्रतिभा गोयल, डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय,अयोध्या
प्रो. पूनम टंडन, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर
प्रो. संगीता शुक्ला, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
प्रो. आशु रानी, डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
प्रो. सीमा सिंह, यूपी राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज
प्रो. वंदना सिंह, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर
प्रो. सोनिया नित्यानंद, किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ
प्रो. मांडवी सिंह, भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ
प्रो. उषा टंडन, डा. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज
प्रदेश में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय, एक में महिला वीसी
यूजीसी से संचालित होने वाले प्रदेश में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। यहां कुलपतियों की नियुक्ति राष्ट्रपति करती हैं। इनमें से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव हैं।
प्रदेश के 14 जिलों व पांच मंडलों की कमान भी महिलाओं के हाथ
प्रदेश के 75 जिलों में से 14 जिलों की कमान महिला आईएएस अधिकारियों के हाथ में है। इनमें गोंडा, रायबरेली, अमेठी व बहराइच जैसे चुनौतीपूर्ण जिले हैं। इसी तरह प्रदेश के 18 मंडलों में से पांच मंडलों का नेतृत्व महिला अधिकारी कर रही हैं। इनमें राजधानी लखनऊ, आगरा, बरेली व मेरठ जैसे संवेदनशील मंडल भी शामिल हैं।
प्रदेश में महिला डीएम
कृतिका ज्योत्सना-सुल्तानपुर
निशा-अमेठी, नेहा शर्मा-गोंडा
मोनिका रानी-बहराइच
कृतिका शर्मा-श्रावस्ती
हर्षिता माथुर- रायबरेली
प्रेरणा शर्मा-हापुड़, आर्यका अखोरी-गाजीपुर, नेहा प्रकाश- औरैया, प्रियंका निरंजन- मिर्जापुर,अर्चना वर्मा- हाथरस, सुधा वर्मा- कासगंज, इंदुमती-फतेहपुर,
दुर्गाशक्ति नागपाल- बांदा
प्रदेश में महिला मंडलायुक्त
रोशन जैकब-लखनऊ,ऋतु माहेश्वरी-आगरा,सेल्वा कुमारी जे.मेरठ,सौम्या अग्रवाल बरेली,चैत्रा वी. अलीगढ़