उत्तर प्रदेशबस्तीमहराजगंज

राहुल मद्धेशिया अपहरण केस में बढ़ रही है पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी की मुश्किलें!

जानबूझकर न्यायालय के आदेशों का कर रहे हैं उलंघन- कोर्ट

सार

बस्ती के व्यापारी पुत्र राहुल मद्धेशिया अपहरण से संबंधित पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी केस में सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। कहा है कि भगोड़ा अभियुक्त अमर मणि त्रिपाठी को न्यायालय के आदेशों के बारे में बखूबी जानकारी है। मगर वह जानबूझकर न्यायालय के आदेशों का उलंघन कर रहा है।

बस्ती/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो) : बस्ती के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम/विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने कहा है कि 15 अप्रैल तक यदि कुर्की करके न्यायालय में रिपोर्ट नहीं की जाती तो प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट, इलाहाबाद के समक्ष प्रकरण रखने के लिए रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट, इलाहाबाद को पत्र प्रेषित किया जायेगा।

न्यायालय ने कहा है कि अभियोजन के जरिए बताया गया है कि इस न्यायालय के आदेशों के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील किया था। जिसे 22 मार्च को निरस्त कर दिया गया। इस तरह स्पष्ट है कि भगोड़ा अभियुक्त अमर मणि त्रिपाठी को मामले की पूरी जानकारी है। वह जानबूझकर न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करते हुए मामले में विलम्ब कर रहा है तथा न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहा है।

उसकी समस्त जिलों में स्थित सम्पत्तियों की कुर्की के लिए प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया गया था, जिसके बारे में कोई भी प्रपत्र न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया है।

ऐसी स्थिति में प्रमुख सचिव गृह व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ को रिमाइंडर जरिए नोडल ऑफिसर अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम के माध्यम से इस आशय के साथ प्रेषित किया जाये कि वह अविलंब अभियुक्त अमर मणि त्रिपाठी की संपत्तियों को कुर्क कराकर कार्रवाई रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करे।

बता दें, कि 20 मार्च को सुनवाई के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम/विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) प्रमोद कुमार गिरि की अदालत ने कहा था कि अमरमणि की तरफ से उच्च न्यायालय में एनबीडब्लू आदेश को निरस्त करने की अर्जी दी है। जिसमें उच्च न्यायालय से कोई निर्देश जारी न होने की दशा में कुर्की की कार्रवाई आगे बढ़ाने के संबंध में सुनवाई 30 मार्च को की जाएगी। 22 मार्च को उच्च न्यायालय ने एनबीडब्ल्यू आदेश रोकने की अर्जी खारिज कर दी है।

इस मामले में नामजद है पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी

छह दिसंबर 2001 को व्यापारी धर्मराज मद्धेशिया के बेटे राहुल मद्धेशिया का अपहरण हो गया था। उसे अमर मणि के लखनऊ आवास से बरामद किया गया था। मामले में कोतवाली थाने में पूर्व मंत्री अमर मणि समेत नौ पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था।

विवेचना के बाद पुलिस की ओर से दाखिल आरोप पत्र पर बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट ने ट्रायल शुरू किया। इसके बाद पूर्व मंत्री को तलब किया था, लेकिन वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।

फिर भी पुलिस उन्हें अदालत में पेश नहीं कर सकी थी। इस पर नाराज स्पेशल कोर्ट ने यूपी के प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को पूर्व मंत्री की संपत्ति की कुर्की के साथ ही हर हाल में 20 मार्च को अदालत के सामने हाजिर करने का आदेश दिया था।

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