
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू ! बहुक्षेत्रीय प्राविधिक तथा आर्थिक सहयोग के लिए बिमस्टेक के चार्टर्ड को नेपाल की संसद से अनुमोदन मिल गया है। बिम्सटेक का पूरा रूप बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल है। इसके साथ ही तीन दशक के बाद अब इसका कार्यान्वयन किये जाने का रास्ता साफ हो गया है।
बैंकॉक घोषणा के तहत 1997 में इस क्षेत्रीय संगठन को स्थापित किया गया था। शुरुआत में इसमें केवल चार सदस्य बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड थे। नवम्बर, 2016 में इसमें बर्मा, भूटान और नेपाल भी सदस्य के रूप में शामिल हो गए। सन 2018 में काठमांडू में हुए बिमस्टेक शिखर सम्मेलन में इसका चार्टर्ड पारित करके सभी सदस्य देशों की संसद से अनुमोदन करने का फैसला लिया गया था। नेपाल के अलावा बाकी सदस्य देशों ने पहले ही अपनी संसद से अनुमोदन पारित कर दिया था।
अभी तक नेपाल की संसद से सदस्यता का अनुमोदन नहीं हुआ था लेकिन अब संसद से अनुमोदन होने से अब इसका औपचारिक रूप से कार्यान्वयन किये जाने का का रास्ता खुल गया है। नेपाल के विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया कि नेपाल की संसद से अनुमोदन होने के बाद इसकी जानकारी बांग्लादेश स्थित बिमस्टेक के सचिवालय को दी जाएगी, जिसके 30 दिन के बाद यह औपचारिक रूप से कार्यान्वयन में आ जाएगा।