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नेपाल सीमा पर सक्रिय हिजबुल मुजाहिद्दीन के मददगारों पर शिकंजा कसेगा एटीएस , टेरर फंडिंग का जुटाया जा रहा ब्योरा

उमेश चन्द्र त्रिपाठी ब्यूरो

सोनौली /महराजगंज(हर्षोदय टाइम्स)!सौनौली से गिरफ्तार हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीनों संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ के आधार पर यूपी एटीएस ने नेपाल सीमा पर सक्रिय उनके मददगारों को चिह्नित किया है। स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों से सत्यापन के बाद इन मददगारों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। मोहम्मद अल्ताफ भट्ट को पाकिस्तान से वापस लाने में इस्तेमाल टेरर फंडिंग के नेटवर्क का भी पता लगाया जा रहा है।

यूपी एटीएस की टीमें तीनों गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों मोहम्मद अल्ताफ भट्ट, सैय्यद गजनफर व नासिर अली से पूछताछ में जुटी हैं। तीनों की कस्टडी रिमांड बुधवार को खत्म होने वाली है।

रावलपिंडी (पाकिस्तान) के रहने वाले मोहम्मद अल्ताफ भट्ट ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसकी भारत वापसी के लिए कश्मीरी नागरिक ताहिर ने हवाला के जरिए पैसे भेजे थे। अल्ताफ मूल रूप से कश्मीर के कुपवाड़ा जिले का रहने वाला है, लेकिन 14 साल की उम्र में ही वह पाकिस्तान चला गया था। आतंकियों ने उसे ट्रेनिंग के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैंप में भेज दिया था। एटीएस ने ताहिर का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस से मदद मांगी है। जल्द ही एटीएस की एक टीम जम्मू-कश्मीर भेजी जा सकती है।

एटीएस को अल्ताफ भट्ट से पता चला है कि 2003 में ट्रेनिंग कैंप बंद होने के बाद वह रावलपिंडी में बस गया। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे स्लीपर सेल के तौर पर रावलपिंडी में बसाने का इंतजाम किया था। वह लगातार आईएसआई के हैंडलर सलीम के संपर्क में रहा, जो उसे कश्मीर की आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए उकसाता रहा।

पाकिस्तान सीमा से घुसपैठ करके कश्मीर आने पर जान का जोखिम होने की वजह से दुबई से काठमांडू होकर भारत आने की
योजना बनाई थी। एटीएस कश्मीरी नागरिक नासिर अली के बैंक खातों का भी विवरण जुटा रही है। नासिर ने ही नेपाल सीमा से होकर भारत में घुसपैठ में मदद की थी।

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