महराजगंजलखनऊ

चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी, फिर भी लखनऊ एअरपोर्ट से कैसे भागे संदिग्ध तस्कर? 8 कस्टम अफसरों पर गिरी गाज, जांच शुरू

सार

लखनऊ एयरपोर्ट से संदिग्ध तस्करों के फरार होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों के रहते हुए संदिग्ध तस्कर कैसे फरार हो गए। तस्करों के भागने की कहानी पर सवाल खड़े होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। 8 कस्टम अफसर हटा दिए गए हैं।

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

लखनऊ /महराजगंज! चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर तस्करी के आरोपितों द्वारा सीआईएसएफ के जवानों को धक्का मारकर भागने की कहानी अफसरों के गले नहीं उतर रही है। यह कहानी न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है बल्कि सुरक्षाकर्मियों की चप्पे-चप्पे पर तैनाती के दावों की पोल भी खोल रही है। सुरक्षा में सेंध लगाने की गुत्थी पर अफसरों ने एयरपोर्ट पर दिन भर बैठक की और वहां मौजूद कर्मियों से बात की। साथ ही कस्टम टीम के आठ अफसरों को हटाते हुए जांच भी शुरू कर दी गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी जांच बैठाई है।

सोमवार को डीआरआई की सूचना पर कस्टम ने एयरपोर्ट पर सुबह सात बजे शारजाह से आए इंडिगो के विमान 6ई-1424 से 36 संदिग्धों को रोका था। इन्हें 35 घंटे तक एयरपोर्ट पर रखा। इनके पास से करीब 3.13 करोड़ रुपये की विदेशी सिगरेट बरामद की लेकिन सोना नहीं मिला। मंगलवार शाम करीब छह बजे दम्माम से आए विमान से भी 26 लोगों के पास से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की विदेशी सिगरेट बरामद हुई। इस बीच आरोपित मो. कासिफ बेहोश हो गया। इस आड़ में अन्य आरोपित भाग गए। भागे हुए आरोपित टांडा के रहने वाले हैं।

फुटेज का इंतजार

आरोपितों के भाग निकलने की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को तीसरे दिन भी नहीं मिली। सवाल यह है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल से रोड तक की दूरी करीब एक किमी से भी ज्यादा है। ऐसे में आरोपित टर्मिनल पर धक्का मारकर भागे भी तो एक किमी के दायरे को कैसे आसानी से पार पा लिया? क्या रोड तक पहुंचने में उनकी किसी ने मदद की है? इन सभी सवालों को उठाते हुए सरोजनीनगर पुलिस ने एयरपोर्ट प्रशासन से फुटेज मांगी है। वहीं अब विवेचना जारी रखते हुए सर्विलांस की मदद से पुलिस की टीम देर रात रामपुर रवाना होगी।

विरोधाभास शुरू

एफआईआर के मुताबिक कस्टम ने पुलिस को बताया कि एक आरोपित ने बेहोश होने का बहाना कर सीआईएसएफ को धक्का दिया और सभी भाग गये। वहीं सीआईएसएफ के सूत्रों की मानें तो उनको कस्टम ने इस आपरेशन में शामिल ही नहीं किया था। नियम के तहत भले ही सीआईएसएफ आगमन गेट से बाहर निकलने वाले यात्री को नहीं रोकती है, लेकिन एक तस्कर को छोड़कर जब 30 भाग निकले तो उन संदिग्ध लोगों को पकड़ने की जिम्मेदारी तो उलकी बनती ही है।

पहले भी हो चुकी है चूक

पिछले साल 26 मई को लखनऊ एयरपोर्ट पर वाराणसी का रहने वाला सादिक भी सुरक्षा व्यवस्था के बीच से होते हुए रनवे तक पहुंच गया था। इस घटना के बाद से एयरपोर्ट की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए थे। इसके कुछ दिन बाद ही सीआईएसएफ का एक फर्जी दारोगा भी एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था।

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