इंडो नेपालमहराजगंज

नेपाल और भारत के बीच फिर बढा सीमा विवाद

सार

नेपाल और भारत के बीच 100 रुपये के नोट को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है। भारतीय विदेश मंत्री के सख्‍त रुख के बाद नेपाल के विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्‍ठ ने कहा है कि नेपाल सीमा विवाद को राजनयिक माध्‍यम से सुलझाना चाहता है। वहीं नए नोट में विवादित नक्‍शे पर कुछ नहीं कहा।

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू/महराजगंज: नेपाल और भारत के बीच सीमा विवाद का मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। नेपाल सरकार ने अपने 100 रुपये के नए नोट में विवादित नक्‍शे को छापने का फैसला किया जिसमें भारतीय इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का इलाका दिखाया गया है। इस विवादित नक्‍शे को चीन के इशारे पर नाचने वाले केपी ओली ने नेपाली संसद से पारित कराया था। नेपाल सरकार के इस ताजा फैसले पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सख्‍त रुख अपनाया है। भारतीय चाणक्‍य के बयान के बाद नेपाल के विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्‍ठ ने कहा है कि नेपाल सीमा विवाद को राजनयिक माध्‍यम से सुलझाने के पक्ष में है और भारत के साथ बैठकर बातचीत करना चाहता है।

कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा भारत के इलाके हैं और नेपाल इस पर अपना दावा करता है। नारायण काजी श्रेष्‍ठ ने संसदीय कमेटी के सामने सोमवार को नेपाल सरकार के विवादित नक्‍शे के साथ 100 रुपये के नए नोट छापने के फैसले पर कुछ नहीं कहा। उन्‍होंने कहा, ‘हम भारत के साथ सीमा विवाद को सुलझाना चाहते हैं। हम इसे राजनयिक तरीके से सुलझाना चाहते हैं और बैठकर बातचीत करना चाहते हैं। हम इसके लिए कदम उठा रहे हैं। भारत ने नेपाल के नए नक्‍शे का शुरू से ही कड़ा विरोध किया है। ताजे घटनाक्रम पर भारतीय विदेश मंत्री ने शनिवार को कहा था कि नेपाल के ताजा कदम से हालात या जमीनी वास्‍तविकता नहीं बदलने जा रही है।

नेपाल में नया नोट लाने का फैसला बना रहस्‍य

जयशंकर ने कहा, ‘हमारी स्थिति साफ है। नेपाल के साथ सीमा विवाद को लेकर हमारी बातचीत चल रही है। इन सबके बीच नेपाल ने एकतरफा तरीके से अपनी तरफ कुछ कदम उठाए हैं। नेपाल ने ओली के प्रधानमंत्री रहने के दौरान साल 2020 में यह विवाद‍ित नक्‍शा जारी किया था। इसमें भारतीय इलाकों को अपना दिखाया गया था जिसे भारत ने उसी समय खारिज कर दिया था। भारत ने कहा था कि यह एकतरफा कदम ऐतिहासिक तथ्‍यों या सबूतों पर आधारित नहीं है। भारत इसे स्‍वीकार नहीं करता है। वहीं नेपाल के वित्‍त और विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि उन्‍हें इसका अंदाजा ही नहीं है कि कौन विवादित नक्‍शे के साथ 100 रुपये के नए नोट जारी करने का आइडिया कैबिनेट में लेकर आया है।

नेपाली विदेश और वित्‍त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, ‘इस फैसले से पहले पर्याप्‍त चर्चा और विचार विमर्श नहीं हुआ है। भारत को केवल यही परेशान कर रहा है जबकि हम केवल 100 रुपये के पुराने नोट की जगह पर नया नोट ला रहे हैं। इसका समय महत्‍वपूर्ण है, यह कदम तब उठाया गया है जब भारत में चुनाव हो रहे हैं और हम कह रहे हैं कि इसे बातचीत के जरिए सुलझाएंगे। वहीं नेपाली विदेश मंत्री ने आंखें दिखाते हुए कहा है कि नेपाल को कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर संप्रभु अधिकारों का इस्‍तेमाल करना चाहिए। उन्‍होंने कहा, ‘हमें संप्रभु अधिकारों और क्षेत्रीय अखंडता का लाभ उठाना चाहिए। यह सभी जानते हैं कि भारत और नेपाल के बीच कालापानी के इलाके को लेकर सीमा विवाद हैं।

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