नेपाल में प्रधानमंत्री प्रचंड का शक्ति परीक्षण आज, सरकार का गिरना लगभग तय

देउबा-ओली के बीच नई सरकार पर मंथन
सार
नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेकां के पास फिलहाल 89 सीट हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। निचले सदन में 138 सीटों के बहुमत के मुकाबले प्रचंड की पार्टी के पास सिर्फ 32 सीट हैं। ओली ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता और देश के विकास के लिए यह जरूरी है।
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
काठमांडू नेपाल। नेपाली कांग्रेस (नेकां) और ‘सीपीएन-यूएमएल’ के नेताओं ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ के शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले नई गठबंधन सरकार के गठन पर मंथन किया। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल ‘सीपीएन-यूएमएल’ के नेता केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस ने पार्टी सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है। शुक्रवार को संसद में प्रचंड की परीक्षा होगी, जिसमें सरकार गिरना तय है।
नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में सबसे बड़ी पार्टी नेकां के पास फिलहाल 89 सीट हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। निचले सदन में 138 सीटों के बहुमत के मुकाबले प्रचंड की पार्टी के पास सिर्फ 32 सीट हैं। ओली ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता और देश के विकास के लिए यह जरूरी है। समझौते के मुताबिक, ओली-देउबा बारी-बारी से तीन वर्ष तक पीएम रहेंगे।
प्रचंड का आरोप, ओली ने बेवजह हमें धोखा दिया
प्रचंड के विश्वासमत हसिल नहीं कर पाने की सूरत में ओली शनिवार को प्रधानमंत्री बन सकते हैं और रविवार को वह पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं। पार्टी सचिवालय में बुधवार को ओली (72) ने कहा कि दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन नेपाल के विकास के लिए जरूरी था। उधर, मौजूदा पीएम प्रचंड ने आरोप लगाया कि ओली ने उन्हें बेवजह धोखा दिया है। बता दें कि ओली-देउबा के पास सदन में 167 सीटें हैं ऐसे में प्रचंड सरकार का विश्वास मत हारना तय है।