गोंडा के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हुए रेल हादसे में परतावल के युवक की मौत
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
परतावल/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स)। गोंडा-गोरखपुर रेल मार्ग पर गोंडा-मनिकापुर के बीच बीते 18 जुलाई को दिन के लगभग 2:30 बजे चंडीगढ़- डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 14 डिब्बा पटरी से उतर गई। इस घटना में आठ कोच पटरी से उतरकर पलट गई। इस दर्दनाक हादसे में परतावल नगर पंचायत के बरियरवा टोला निवासी एक युवक की भी मौत हो गई।
मालूम हो कि यह दुर्घटना मोतीगंज- झिलाही बाजार रेलवे स्टेशन के बीच पिकौरा गांव के पास हुआ। हादसे के बाद करीब 500 मीटर रेलवे ट्रैक उखड़ गया और इलेक्ट्रिक लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई तथा इस रूट पर आवागमन ठप हो गया।
मालूम हो कि इस ट्रेन में श्यामदेउरवां थाना क्षेत्र के नगर पंचायत परतावल टोला बरियरवा निवासी राजेश कुमार जो चंडीगढ़ में फर्नीचर का काम करते थे घर आने के लिए चंडीगढ़ ट्रेन में बैठे थे। रास्ते में वह पत्नी से बात करते हुए आ रहे थे। लखनऊ तक दोनों में बातचीत हुई थी। उसके बाद बात नहीं हो पाई। फिर दोपहर लगभग तीन बजे इस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का पता चला । घटना की खबर सुनकर पत्नी और घर के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। काफी खोजबीन करने पर भी पता नहीं चला। कुछ देर बाद स्थानीय पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया शव दिखाया तो क्षत विक्षत अवस्था में पति का शव देखा और पति राजेश के दाहिने हाथ के बीच की उंगली पहले से कटी हुई थी जिससे उनकी पहचान हुई। पोस्टमार्टम होने के बाद शव को घर लाया गया और उनका अंतिम संस्कार किया गया। पिता रामप्रित ने मुखाग्नि दी।
रेलवे के अधिकारी मदत लेकर पहुंचे मृतक के घर
शनिवार को रेलवे विभाग गोरखपुर के एससीएम अनुज कुमार सिंह, एसीएम जेके सिंह, डीसीआई डीके श्रीवास्तव, जितेन्द्र कुमार, हीत निरीक्षक एके खरवार, सहायक लेखा अधिकारी संजय, लेखा सहायक सुदामा राय, आरपीएफ के उप निरीक्षक पप्पू लाल यादव मृतक राजेश के घर पहुंचे और परिजनों को 50 हजार रुपए नकद दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सभी जरूरी कागजात एकत्रित कर लिया गया है। जांच पड़ताल के बाद साढ़े नौ लाख रुपए खाते में भेजा जाएगा।
मालूम हो कि मृतक राजेश के दो बेटा और दो बेटियां हैं। चंदा 14 वर्ष, कल्याणी 12वर्ष, विक्की 11वर्ष, राम सूचित 9 वर्ष हैं। पत्नी ज्योति का रो-रो कर बुरा हाल है।
जिले के पूर्व एसीएमओ ने बताई ट्रेन हादसे की आँखो देखी कहानी
मोतीगंज झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच पिकौरा गांव के पास हुए रेल हादसे का उसी ट्रेन में यात्रा कर रहे महराजगंज के पूर्व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आईए अंसारी ने आंखों देखी कहानी बताया। उन्होंने बताया कि ट्रेन में 15 सेकंड के अंदर ही अचानक तेज आवाज के साथ ट्रेन डीरेल हो गई और पटरी तिरछी हो गई। मैं शांत बैठा था कि अचानक गाड़ी टेढ़ा होने लगा। मेरी पत्नी ने मुझे गिरने से बचा लिया। तेज आवाज के साथ झटके महसूस होने लगे। हम लोग सहम गये। तीन फीट खिड़की उपर चला गया। हम लोग दूसरे तरफ आकर ट्रेन के बोगी से बाहर निकले। लोकल ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर लोगों की सहायता की। डॉ अंसारी ने बताया कि मैं अपनी पत्नी के साथ हज करने गया था। लौटते समय फ्लाइट से लखनऊ आने के बाद मेरी बेटी मुझे लेने आई थी। घर वाले छोटी गाड़ी से आने से मना कर दिये। जिसके बाद ट्रेन से गोरखपुर आ रहा था। उन्होंने बताया कि मौत को करीब से देखकर काप गया था। अल्लाह का शुक्र है कि हम लोग बच गये। बोगी तिनके की तरफ टेढ़ा हो गई थी। उपरी हिस्से के दरवाजे के खुलने से बीच में जगह बनी और हम लोग किसी तरह से बाहर निकले।