उत्तर प्रदेशलखनऊ

बरेली में जांबाज इंस्पेक्टर की काली करतूत से एक बार फिर शर्मशार हुआ पुलिस मुहकमा, रिश्वत के 10 लाख रुपए कमरे से बरामद , कमरा शील

सात लाख की रिश्वत लेकर स्मैक तस्कर को छोड़ा, सीओ और एसपी ने मारा छापा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भागा

सार

बरेली जिले के फरीदपुर इंस्पेक्टर ने स्मैक तस्करों को पकड़ा। छोड़ने के लिए सात लाख में सौदा तय हुआ। रिश्वत लेने के बाद इंस्पेक्टर ने तस्करों को छोड़ दिया। एसपी ने थाने पर जब छापा मारा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर फरार हो गया।

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

लखनऊ/ बरेली/ महराजगंज! बरेली में एक जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर की काली करतूत ने एक बार फिर पुलिस महकमे को शर्मशार कर दिया है। उसके कमरे से पुलिस ने रिश्वत के 10 लाख रूपये बरामद कर कमरे को शील कर दिया है।

बता दें कि यूपी के बरेली में इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक ने रिश्वत लेकर दो स्मैक तस्करों को थाने से छोड़ दिया। एसएसपी के निर्देश पर एसपी साउथ और सीओ ने थाने पर छापा मारा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर फरार हो गया। अफसरों ने इंस्पेक्टर के ऑफिस स्थित कमरे का ताला तोड़कर करीब दस लाख रुपये बरामद किए हैं। उस कमरे को भी सील कर दिया गया है। इंस्पेक्टर के खिलाफ थाना फरीदपुर में भ्रष्टाचार अधिनियम की रिपोर्ट दर्ज कर सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में डील कराने वाले व्यक्ति को भी तलाश किया जा रहा है।

फरीदपुर इंस्पेक्टर रामसेवक के निर्देश पर बुधवार रात थाने के चार सिपाही नवदिया अशोक गांव से स्मैक तस्कर आलम, असनूर और नियाज अहमद को पकड़कर थाने लाए। थाने में लाकर उन्हें छोड़ने के लिए डील शुरू कर दी गई। सात लाख रुपये में सौदा तय हुआ और रकम लेकर आलम व नियाज को छोड़ दिया गया। असनूर से रकम न बरामद होने पर उसे हवालात में बंद कर दिया गया। इस डील के बारे में एसएसपी अनुराग आर्य को भनक मिल गई और उन्होंने एसपी साउथ मानुष पारीक व सीओ फरीदपुर गौरव सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए।

गुरुवार सुबह करीब नौ बजे एसपी साउथ और सीओ फरीदपुर ने थाने में छापा मारा तो इंस्पेक्टर रामसेवक ऑफिस स्थित अपने कमरे में ताला डालकर दीवार फांदकर फरार हो गया। इसके बाद अधिकारियों ने उसके कमरे का ताला तोड़ दिया। वहां से दो थैलों में नौ लाख 84 हजार 900 रुपये बरामद हुए। इनमें से एक थैले में सात लाख और बाकी रकम दूसरे थैले में मिली। इंस्पेक्टर रामसेवक का सीयूजी और पर्सनल मोबाइल भी उसके कमरे से ही बरामद हो गया।

हवालात में बंद तस्कर ने की पुष्टि

अधिकारियों ने हवालात में बंद असनूर से पूछताछ की तो उसने भी बताया कि इंस्पेक्टर ने सात लाख रुपये लेकर आलम व नियाज को छोड़ दिया। रकम न होने के कारण उसे हवालात में बंद कर दिया गया। उसने यह भी बताया कि पूरी डील एक व्यक्ति के माध्यम से हुई थी। उसकी भी तलाश की जा रही है। इस मामले में इंस्पेक्टर राम सेवक के खिलाफ सीओ गौरव सिंह की ओर से थाना फरीदपुर में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।

एसएसपी अनुराग आर्य ने आरोपी इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस टीमें लगी हुई हैं।

अभी तो दीवार कूदी है…इंस्पेक्टर के भागने पर बोले अखिलेश, भ्रष्टाचार पर भाजपा सरकार को घेरा

बरेली में सात लाख की रिश्वत लेकर स्मैक तस्कर को छोड़ने के बाद फरार हुए इंस्पेक्टर के मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरा है। अपने सोशल मीडिया एक्स पर अखिलेश ने लिखा, अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो भाजपा राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखने वाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिस वाले ‘हाई जंप’ में प्लेटिनम मैडल ले आते। अब सवाल ये है कि उच्च पुलिस अधिकारियों ने छापा क्यों मारा, जबकि उन्होंने ही उस इंस्पेक्टर की पोस्टिंग की होगी। क्या उस इंस्पेक्टर की भ्रष्ट कार्यप्रणाली के बारे में कोई रिपोर्ट पहले से उपलब्ध नहीं थी? यदि उत्तर ‘हां’ है तो फिर उसको पोस्टिंग कैसे मिली और अगर उत्तर ‘नहीं’ है तो फिर वो पुलिस क्या खुफिया रिपोर्ट निकालेगी, जिसे अपनों के बारे में ही पता नहीं है। ऐसे में ये शासन-प्रशासन दोनों की नाकामी है।

क्या कह रही है जनता

कहीं इसके पीछे मूल कारण ये तो नहीं कि बेईमानी का तरबूजा तो कटा पर नीचे-से-ऊपर तक ईमानदारी से नहीं बंटा। भाजपा राज में क्या उप्र की जनता नशे के तस्करों से ‘9 लाख’ लेन वाले ऐसे भ्रष्ट नौ रत्नों के भरोसे रहेगी? अब सरकार को चाहिए कि अब जब भी रिश्वतखोर इंस्पेक्टर गिरफ्तार हो तो पुलिस इसकी भी गाड़ी पलटा दे। इतना ही नहीं इसके घर पर भी बुल्डोजर चलवाया जाए और उसे पूरी तरह ध्वस्त किया जाए। अन्यथा भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी।

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