संविधान संशोधन की बात करते समय घबराने की जरूरत नहीं- रमेश लेखक गृहमंत्री नेपाल

मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू! नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने कहा है कि संविधान में संशोधन का मुद्दा उठाते समय झिझकने और घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने यह बात रविवार को सिंहदरबार में 10 वें संविधान दिवस के अवसर पर नेपाल की संविधान सभा सदस्य परिषद की केंद्रीय तदर्थ समिति द्वारा आयोजित अभिवादन आदान-प्रदान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जब संविधान में संशोधन का मुद्दा उठेगा तो किसी को डरने, डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के बाद संविधान स्वयं अनुच्छेद 265 की समीक्षा करेगा और कहा कि 10 वर्षों के अभ्यास में देखी गई समस्याओं, प्रश्नों और जटिलताओं को सुविधाजनक बनाने के लिए इसमें संशोधन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा, संवाद और विचार-विमर्श के माध्यम से, राजनीतिक दलों के बीच व्यापक विचार-विमर्श, संवाद और विचार-विमर्श के माध्यम से किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन का मुद्दा किसी एक पक्ष के कार्यालय में बैठकर यह घोषणा करने का मामला नहीं है कि संविधान में संशोधन किया गया है और यह दो दलों के आमने-सामने खड़े होने का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्थक और सार्थक संवाद, संवाद और सहयोग से संविधान में संशोधन किया जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि मौजूदा संविधान की उपलब्धि महत्वपूर्ण है और इस उपलब्धि की रक्षा की जानी चाहिए।