नेपाल

देश की नीति साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर बनाई जानी चाहिए- स्पीकर घिमिरे

मनोज कुमार त्रिपाठी


काठमांडू /भैरहवा /महराजगंज! स्पीकर देवराज घिमिरे ने देश की नीति साक्ष्यों और तथ्यों पर आधारित बनाने को कहा है। उन्होंने गुरुवार को काठमांडू में नीति अनुसंधान संस्थान की छठी वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए यह अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि नये संघवाद को अपना रहे नेपाल में सबूतों और तथ्यों के आधार पर नीति बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि संघवाद पर बहस भावनाओं पर नहीं, तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीति संस्थानों के अध्ययन, शोध और सुझावों की मांग अब देश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि देश की नीति सिर्फ एक सरकार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक सरकार द्वारा बनायी गयी नीति को दूसरी सरकार आते ही तोड़ने की परंपरा सुखद नहीं है। उन्होंने उल्लेख किया कि संघीय संसद सचिवालय प्रतिष्ठान के साथ सहयोग करना शुरू कर रहा है, उन्होंने कहा कि संसद द्वारा बनाए जाने वाले कानून का मसौदा तैयार करते समय भी प्रतिष्ठान की भागीदारी और सहयोग अपरिहार्य है। उन्होंने कहा कि भविष्य में, यह जरूरी है कि देश के कानून बनाने वाली संसद और नीति निर्माण के लिए सुझाव देने वाले प्रतिष्ठान के बीच सहयोग हो।

अध्यक्ष घिमिरे ने कहा कि सरकार को उस संस्था को वित्तीय बोझ नहीं समझना चाहिए, जिसका कार्य क्षेत्र महत्वपूर्ण और गहन है जो देश की नीति बनाने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि उन्हें संघवाद की मजबूती, आर्थिक सशक्तिकरण, कृषि, व्यापार और निवेश, विदेश नीति, पर्यटन नीति, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र की नीति निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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