लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में चीनी भाषा प्रशिक्षण केंद्र का मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन

मनोज कुमार त्रिपाठी
लुंबिनी /नेपाल! लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में एक चीनी भाषा प्रशिक्षण और शिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। यह शिक्षण केंद्र नेपाल में चौथा और काठमांडू के बाहर पहला है। यहां एचएसके स्तर की परीक्षाएं होंगी। जो छात्र चीन में पढ़ना चाहते हैं उन्हें यह परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
लुंबिनी के मुख्यमंत्री चेतनारायण आचार्य ने शुक्रवार को अध्ययन केंद्र का औपचारिक उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री आचार्य ने एचएसके सेंटर के बोर्ड का अनावरण कर इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय और चीन के हनान विश्वविद्यालय के बीच चीनी भाषा शिक्षण केंद्र के संचालन को लेकर एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये गये।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि यह शिक्षण केंद्र नेपाल और चीन की मित्रता को और अधिक सौहार्दपूर्ण बनाने में योगदान देगा। मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इससे दोनों देशों के बीच भाषा और संस्कृति के हस्तांतरण के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. सुरवनलाल ब्रजाचार्य ने कहा कि विश्वविद्यालय में चीनी भाषा प्रशिक्षण और शिक्षण केंद्र की स्थापना से पूरे देश को मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि वह एचएसके परीक्षा के लिए काठमांडू जाने की मजबूरी को खत्म करने में सफल रहे। मुझे चीनी भाषा की परीक्षा के लिए काठमांडू जाना था। अब वह बाध्यता दूर हो गई है, उन्होंने कहा कि देश के बाहर से छात्रों को लुंबिनी लाने के अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है।
बौद्ध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डाॅ. तिलकराम आचार्य ने बताया कि एक वर्ष पूर्व चीन के हनान विश्वविद्यालय के साथ सहयोग समझौते के तहत चीनी भाषा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई थी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह उपलब्धि बौद्ध विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने में मील का पत्थर साबित होगी।
इस बीच बौद्ध धर्म और नेपाल अध्ययन का अध्ययन कर रहे चीन के 23 छात्रों का शुक्रवार को विश्वविद्यालय में स्वागत किया गया है। चीन के हनान विश्वविद्यालय के अध्यक्ष च्वांग क्वांग लिन ने कहा कि प्रशिक्षण केंद्र नेपाल और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।
कार्यक्रम में नेपाल और चीन के विभिन्न संघों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।