दुर्गा प्रसाई और रवि लामिछाने की गिरफ्तारी दोनों के मामले अलग-अलग
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लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार – दिनेश त्रिपाठी अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट नेपाल
मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू नेपाल! नेपाली सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा है की राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने तथा दुर्गा प्रसाई की गिरफ्तारी ये दोनों मामले अलग-अलग हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी को लेकर हर्षोदय टाइम्स संवाददाता मनोज कुमार त्रिपाठी ने नेपाली सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी से काठमांडू में एक्सक्लूसिव बातचीत की।
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बातचीत में नेपाली सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि रवि लामिछाने और दुर्गा प्रसाई की गिरफ्तारी के दोनों मामले अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि दुर्गा प्रसाई ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है इसीलिए उनकी गिरफ्तारी की गई है। यह गिरफ्तारी पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। संविधान में सभी को बोलने की आजादी दी गई है। प्रधानमंत्री पद भी एक संवैधानिक पद है जो जनता के सवालों का जवाब देने के लिए जवाबदेह है। सच्चाई यह है कि दुर्गा प्रसाई द्वारा प्रधानमंत्री पर लगाए गए कथित आरोपों की पहले जांच करना चाहिए था पर ऐसा न करके उन्हें सीधे गिरफ्तार कर लिया गया है जो लोकतंत्र के नियमों के विरूद्ध है। संविधान ने देश के सभी नागरिकों को अभिव्यक्त की आजादी दिया है। इस तरह की गिरफ्तारी से अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी नेपाल के अध्यक्ष व पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछाने की गिरफ्तारी को धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में किया गया है। जो गंभीर वित्तीय अपराध की श्रेणी में आता है। उनकी गिरफ्तारी कानून सम्मत की गई है। उनके खिलाफ सोसाइटी के लोगों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराया था। जिसके तहत उनकी गिरफ्तारी की गई है।