भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कृत संकल्पित है राज्य सरकार- मुख्यमंत्री आचार्य

मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल! लुंबिनी नी प्रांत के मुख्यमंत्री चेतनारायण आचार्य ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा जारी आचार संहिता और निर्देशों के कार्यान्वयन के बारे में नागरिकों को सतर्क किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री आचार्य ने रविवार को राप्ती घाटी के देउखुरी स्थित मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद कार्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र नागरिक समाज मंच प्यूठान के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा में ये बातें कही।
प्रांतीय सरकार ने भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए पांच साल की रणनीतिक योजना लागू की है, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए आचार संहिता लागू की है और मंत्रालयों और एजेंसियों के लिए 14 सूत्रीय निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार नागरिक स्तर पर बढ़ती निराशा को आशा में बदलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ी है और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए नागरिक स्तर का सहयोग जरूरी है।
उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार खत्म करने का काम केवल सरकार के प्रयास से संभव नहीं है, इसके लिए नागरिकों की सतर्कता जरूरी है।” राज्य सरकार पांच साल के भीतर भ्रष्टाचार रोकने की रणनीतिक योजना बना चुकी है। सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए नागरिक भागीदारी आवश्यक है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रांतीय सरकार ने योजना के कार्यान्वयन में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रतिस्पर्धा के माध्यम से पांच लाख से अधिक योजनाओं को लागू किया है, जिसके कारण योजना के कार्यान्वयन में पैंतरेबाजी रुक गई है।
भ्रष्टाचार विरोधी स्वतंत्र नागरिक मंच प्युठान के संयोजक कर्ण ध्वज केसी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री आचार्य को ज्ञापन सौंपकर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। सेवा के नाम पर और विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उच्च स्तरीय निगरानी तंत्र बनाने पर जोर दिया गया है।
भ्रष्टाचार नियंत्रण के लिए लागू की गई पंचवर्षीय रणनीतिक योजना में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उच्च स्तरीय निगरानी तंत्र बनाने का प्रावधान शामिल है। इंडिपेंडेंट सिटिजन्स फोरम अगेंस्ट करप्शन के सदस्य ओम भक्त पंडित ने कहा कि भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को प्रभावी बनाना जरूरी है और नागरिकों से प्राप्त शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाना चाहिए।
साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री आचार्य को प्यूठान में जिले में दो सिंचाई केंद्रों के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी है, लेकिन उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री आचार्य ने वादा किया कि वे कृषि, भूमि प्रबंधन एवं सहकारिता मंत्री तथा सचिव से इस बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे और उपयोग के लिए उपयुक्त विकल्पों का चयन करेंगे।