साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार मेडिकल व्यवसायी दुर्गा प्रसाई के उचित इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

मनोज कुमार त्रिपाठी
काठमांडू/ नेपाल! विद्युत व्यापार से जुड़े अपराध की जांच के लिए हिरासत में रखे गए मेडिकल व्यवसायी दुर्गा प्रसाई को उचित इलाज की व्यवस्था करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करते हुए कहा है कि चूंकि वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, इसलिए उनका इलाज सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश बुधवार को दिया, लेकिन इसे गुरुवार को सार्वजनिक किया गया।
यह आदेश न्यायाधीश महेश शर्मा पौड़ेल और नित्यानंद पांडे की पीठ ने दिया। दुर्गा प्रसाई के बेटे नीरज प्रसाई ने उनके गैरकानूनी हिरासत में होने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। हालांकि, याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि काठमांडू जिला अदालत द्वारा 2081/08/09 को हिरासत में रखने की अनुमति देते समय दुर्गा प्रसाई को कैंसर का मरीज बताया गया था। इस वजह से जांच एजेंसी को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित विशेषज्ञों से उनका आवश्यक इलाज सुनिश्चित करें।
आदेश में कहा गया है, “याचिकाकर्ता के वकीलों ने बहस के दौरान कहा कि जांच एजेंसी ने उनके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की है। याचिकाकर्ता ने अदालत से अपने जीवन की रक्षा के लिए इलाज की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को ध्यान में रखते हुए जांच एजेंसी को याचिकाकर्ता के इलाज की उपयुक्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि दुर्गा प्रसाई को गैरकानूनी हिरासत में रखने का आरोप सही नहीं है, क्योंकि उन्हें काठमांडू जिला अदालत से दो बार हिरासत बढ़ाने की अनुमति ली गई थी। आदेश में कहा गया है कि फौजदारी अपराध की जांच के लिए सक्षम अदालत से अनुमति लेकर हिरासत में रखने की स्थिति में यह कहना गलत होगा कि उन्हें गैरकानूनी हिरासत में रखा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संबंधित अदालत में विचार किया जा सकता है। इसलिए बंदी प्रत्यक्षीकरण आदेश जारी करने का कोई आधार नहीं पाया गया और याचिका खारिज कर दी गई।