जन प्रतिनिधियों के वेतन और सेवाओं की समीक्षा होनी चाहिए- चेतनारायण आचार्य मुख्यमंत्री लुंबिनी प्रदेश

मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा नेपाल! लुंबिनी प्रांत के मुख्यमंत्री चेतनारायण आचार्य ने कहा है कि मौजूदा खर्चों को कम करने के लिए भविष्य की योजनाएं बनाई जानी चाहिए। लुंबिनी प्रांत में उच्च स्तरीय आर्थिक सुधार सुझाव आयोग द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री आचार्य ने सुझाव दिया है कि मौजूदा खर्च को कम करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना सामने रखनी चाहिए।
सुझाव दिया गया है कि सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम को वर्गीय आधार पर चलाने के लिए परियोजना के नाम पर एक अलग कार्यालय खोलने की समीक्षा की जानी चाहिए और राजनीतिक रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों को मिलने वाली वेतनभोगी सेवा सुविधाओं की समीक्षा की जानी चाहिए।
वर्तमान खर्चों को कम करने में निर्दयी होने का समय आ गया है। प्रोजेक्ट चलाने के नाम पर अलग कार्यालय संचालित करने से मौजूदा खर्च बढ़ जायेगा। उस कार्यालय की जरूरत नहीं है। किस कार्यालय से काम आगे बढ़ता है। वहीं से परफॉर्मेंस आनी चाहिए।
उन्होंने कहा प्रशासनिक खर्चों को कम करना जरूरी है। सेवा वितरण को डिजिटल तकनीक से जोड़ने से प्रशासनिक क्षेत्र में होने वाले खर्च कम हो जायेंगे। अब मुझे लगता है कि मानव संसाधन में भी समीक्षा होनी चाहिए।
इसी तरह, मुख्यमंत्री आचार्य ने तर्क दिया कि राजनीतिक रूप से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के वेतन और सेवाओं की भी समीक्षा की जानी चाहिए।
जनप्रतिनिधियों को वेतन देने वाली व्यवस्था सही है या नहीं? क्या इसकी समीक्षा होनी चाहिए?’ उन्होंने कहा- ‘तलबी व्यवस्था ने कई विकृतियां और विसंगतियां पेश की हैं। ऐसा लगता है कि चुनाव लड़ने के बाद से हर क्षेत्र में विकृतियां और विसंगतियां आ गयी हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री आचार्य ने कहा कि अंतर-मंत्रालयी समन्वय और निवेश अनुकूल कानूनों का निर्माण जरूरी है।
उन्होंने बताया कि सूबे के आंतरिक संसाधनों की पहचान की गयी है और राजस्व का दायरा बढ़ाकर भूमिका बढ़ायी गयी है।
कार्यक्रम में लुंबिनी प्रांत के मंत्री, विभिन्न मंत्रालयों के सचिव, प्रांतीय योजना आयोग के अधिकारी और स्थानीय जन प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम उच्च स्तरीय सुझाव आयोग के सदस्य डाॅ. विश्वास गौचन की अध्यक्षता एवं मुखिया चेतनारायण आचार्य के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुई।