नेपाल में सीमेंट उद्योग की मनमानी, डेढ़ माह में कई बार बढ़े दाम

मनोज कुमार त्रिपाठी
भैरहवा/ नेपाल ! रूपदेही जिले में सीमेंट उद्योगों ने मनमाने ढंग से सीमेंट की कीमत बढ़ा दी है। सीमेंट की कीमत में मनमाने ढंग से बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं पर भार डाला गया है। डेढ़ माह में सीमेंट के दाम कई गुना बढ़ने से घर बनाने की योजना बना रहे उपभोक्ताओं पर बड़ी मार पड़ी है।
रूपंदेही में संचालित 10 सीमेंट उद्योगों ने सीमेंट के दाम अचानक बढ़ा दिए हैं। एक माह पहले तक वह सीमेंट फैक्ट्री से 350 रुपये में बिक रहा था, लेकिन अब सीमेंट की कीमत 550 रुपये हो गयी है।
जिला निगरानी समिति के संयोजक एवं सहायक मुख्य जिला अधिकारी अयोध्या प्रसाद भंडारी ने बताया कि अर्घाखांची, जगदंबा, बृज, सिद्धार्थ, नेपाल अंबुजा, पाठक, सुप्रीम, अग्नि, विशाल जैसे सीमेंट उद्योगों ने सीमेंट की कीमत में अस्वाभाविक रूप से वृद्धि की है। सहायक मुख्य जिला अधिकारी भंडारी के अनुसार उद्योग की बिक्री प्राप्तियों के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि असामान्य मूल्य वृद्धि हुई है।
बाजार में सीमेंट के दाम बढ़ने के बाद जिला प्रशासन कार्यालय रूपंदेही ने जिले के सीमेंट उद्योगों पर नजर रखी है। आंतरिक राजस्व कार्यालय भैरहवा, वाणिज्य एवं उपभोक्ता हित संरक्षण कार्यालय ने संयुक्त रूप से उद्योगों की निगरानी की है।
1 अक्टूबर को इंडस्ट्री से पीपीसी सीमेंट की कीमत 327 रुपये, 5 अक्टूबर को 336 रुपये, 25 अक्टूबर को सीमेंट की कीमत 363 रुपये प्रति बैग थी। इस कीमत पर प्रत्येक बैग पर 11 रुपये उत्पाद शुल्क और फिर 13 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर जोड़कर बाजार में बेचा जाता है। इस लिहाज से 15 नवंबर को टैक्स समेत सीमेंट की कीमत 462 रुपये प्रति बैग पहुंच जाती है।
15 नवंबर को दाम बढ़ाने वाली सीमेंट इंडस्ट्री ने 17 नवंबर को फिर से अपने डीलरों को सर्कुलर जारी कर पीपीसी सीमेंट 550 रुपये प्रति बैग तक बेचने का आदेश दिया। 1 अक्टूबर को ओपीसी सीमेंट टैक्स सहित 472 रुपए प्रति बोरी बिका।
सीमेंट उद्योग द्वारा बिना किसी प्राकृतिक कारण के सीमेंट के दाम बढ़ाने के बाद उपभोक्ताओं के साथ-साथ डीलरों पर भी मार पड़ी है। ”एक माह पहले तक सब कुछ सामान्य था, अब दबंगई अंदाज में उद्योगों ने सीमेंट के दाम बढ़ जाने की बात कहकर बढ़े दाम पर सीमेंट बेचने का फरमान जारी कर दिया है.” एक डीलर कारोबारी ने कहा, ”हमने ग्राहक से एडवांस रकम ले ली है, अब हम उन्हें सीमेंट कैसे सप्लाई करेंगे, यह बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
मॉनिटरिंग के दौरान पाया गया कि सीमेंट उद्योग उपभोक्ताओं को मिलने वाली सामान्य जानकारी नहीं रखते। इसमें उत्पाद की कीमत, उसके उपयोग की तारीख और अन्य विवरण भी होना चाहिए, ऐसा कुछ नहीं है। किसी भी सीमेंट उद्योग ने उपभोक्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली अधिकतम खुदरा कीमत का उल्लेख नहीं किया है।
उद्योगपतियों का दावा है कि सीमेंट के कच्चे माल की कीमत बढ़ने के कारण ही सीमेंट की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। वृज सीमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक रवि रंजन गुप्ता ने बताया कि क्लिंकर समेत अन्य कच्चे माल की कीमत बढ़ने से कीमतें बढ़ी हैं। यह उल्लेख करते हुए कि कंपनी दो साल से घाटे में सीमेंट बेच रही है, गुप्ता ने कहा कि यदि बाजार व्यवहार्य नहीं है, तो उद्योग को बंद करना होगा।
जैसा कि उद्योगपतियों ने कहा कि क्लिंकर की कीमत बढ़ गई है, मॉनिटरिंग कमेटी ने क्लिंकर खरीद बिल का भी निरीक्षण किया है। जहां उद्योगपति कह रहे हैं कि क्लिंकर की कीमत बढ़ने के कारण उन्हें सीमेंट की कीमत बढ़ानी पड़ी है, वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि क्लिंकर की कीमत में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है।
जगदंबा सीमेंट उद्योग प्राइवेट लिमिटेड बेस्टैश सीमेंट लिमिटेड और सीजी सीमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड से क्लिंकर खरीद रहा है। सर्वेत्तम सीमेंट की कार्तिक 30 की रसीद से पता चलता है कि जगदंबा सीमेंट ने 6 हजार 150 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से क्लिंकर खरीदा है। इसी तरह 13 नवंबर को इंडस्ट्री ने फिर बेस्ट से उसी कीमत पर क्लिंकर खरीदा। सीजी सीमेंट इंडस्ट्रीज ने 16 नवंबर को 6 हजार 200 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से जगम्बा को क्लिंकर बेचा है।
सहायक मुख्य जिला पदाधिकारी भंडारी ने बताया कि मॉनिटरिंग के दौरान उद्योगों में गड़बड़ी की बात सामने आयी है उन्होंने कहा कि आवश्यक जांच कर कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ायी जायेगी।