परिजनों के साथ कोर्ट में पहुंच किशोरी ने अपने जीवित होने का सबूत दिया
बेटी के हत्या मामले में पिता-भाई गए थे जेल , अब जिंदा मिलने पर पुलिस पर उठ रहें सवाल
हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
महराजगंज जिले के घुघली थाना क्षेत्र की जिस किशोरी की हत्या के आरोप में पिता और भाई ने 14 माह जेल में बिताए, वह बिहार में जीवित मिली और परिजन ही उसे ढूंढ कर घर लाए। जिला कोर्ट पहुंचकर किशोरी अपने जिंदा होने का सबूत पेश किया। इस खुलासे से हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
यह है घटना घुघली थाना क्षेत्र के पोखरभिंडा गांव की है जहां तेरह साल की एक किशोरी पिछले साल जून माह में रात दस बजे घर से निकली उसके बाद नहीं लौटी। इस मामले में किशोरी के पिता ने गांव के ही एक व्यक्ति व उसके दो बेटों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा घुघली थाने में दर्ज कराया। किशोरी आरोपित के घर काम करती थी ऐसा कहना किशोरी के पिता है । लेकिन पुलिस ने दूसरी लड़की की शिनाख्त कराकर भाई- बाप को भेज दिया था जेल
मालूम हो कि घुघली पुलिस विवेचना कर रही थी उसी दौरान निचलौल थाना क्षेत्र मधुबनी माइनर में 22 जुलाई को एक बालिका का शव बरामद हुआ था। घुघली पुलिस ने केस डायरी में शव का जिक्र करते हुए पर्चा काटा था। किशोरी के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जबरन शव की शिनाख्त उसकी बेटी के रूप में करा दी। इसके बाद अपहरण के आरोपितों का नाम केस से निकाल दिया। उसी केस में वादी के पिता व किशोरी के भाई का नाम बढ़ाकर हत्या के आरोप में जेल भेज दिया। हत्या के आरोप में जेल में बंद पिता व भाई को हाईकोर्ट से बीते चार अक्तूबर को जमानत मिली। चौहद माह सात दिन के बाद दोनों जेल से बाहर आए और बेटी की खोजबीन शुरू की। इस दौरान पता चला कि किशोरी बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले के कैलाश नगर बगहा में है। पिता और भाई बेटी को वहां से घर लाए।
फिर 17 दिसंबर को जिला जज के कोर्ट में किशोरी शपथ पत्र के साथ पेश हुई। बताया कि साहब हम तो जिंदा हु ।
किशोरी के पिता इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश से जमानत पर रिहा हुए हैं। पिता-भाई ने बेटी के मामले की गहनता से जांच की मांग की और न्याय की गुहार की लगाई है।