इंडो नेपाल

नेपाल के पूर्व उप-प्रधानमंत्री उपेंद्र यादव नें अखिलेश यादव से की मुलाक़ात

लखनऊ:-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पार्टी के राज्य मुख्यालय, लखनऊ में नेपाल देश के तीन बार रहे,उपप्रधानमंत्री, सांसद और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के अध्यक्ष श्री उपेन्द्र यादव ने भेंट की और दोनों देशों के बीच सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक तथा वैचारिक मसलों पर चर्चा की। उपेन्द्र यादव ने बताया कि नेपाल में राजशाही को हटाकर लोकशाही की स्थापना में समाजवादियों का बड़ा हाथ रहा है। भारत में नेपाल के आंदोलनकारियों को प्रश्रय मिला। आज नेपाल के लोगों को समान नागरिकता का अधिकार मिला हुआ है। यद्यपि वहां नेपाल कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी की मिलीजुली सरकार सत्ता में है तथापि समाजवादी भी वहां कम प्रभावी नहीं है।

उपेन्द्र यादव ने याद दिलाया कि सन् 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के समय नेपाल में ऊषा मेहता के साथ डॉ0 राम मनोहर लोहिया ने आजाद रेडियों स्थापित किया था।श्री जयप्रकाश नारायण और डॉ0 राममनोहर लोहिया को हनुमान नगर जेल तोड़-कर आजाद कराया गया था। श्री अच्युत पटवर्धन और मीनू मसानी के अतिरिक्त नेताजी भी नेपाल गए थे। नेपाल में भी समाजवादियों का अच्छा प्रभाव है। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई का बेसकैम्प नेपाल में ही है। उपेन्द्र यादव ने कहा कि वे 15वर्षों से बाद लखनऊ आए तो लखनऊ बहुत बदला-बदला दिखाई दिया। समाजवादी सरकार में बना जनेश्वर मिश्र पार्क, प्लासियों माल, इकाना स्टेडियम, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे मेट्रो रेल आदि ने प्रदेश की काया पलट कर दी है। राजधानी की सड़कों में भी काफी सुधार हुआ है।

अखिलेश यादव ने भारत और नेपाल की समाजवादी वैचारिक एकता पर बल दिया और कहा कि समाजवादी विजन विकास का है। पूंजीवाद कभी विकल्प नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एशिया के भू-राजनैतिक भूगोल में परिवर्तन के फलस्वरूप भारत के समक्ष चीन का संकट है। भारत को ग्वालियर-इटावा से लिपुलेख तक हाई-वे बनाना चाहिए। जनकपुर से अयोध्या तक और सिद्धार्थनगर से झांसी तक हाई-वे बनने से भारत-नेपाल रिश्ते और मजबूत होंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि भारत नेपाल के बीच खुली सीमा और व्यापार में बढ़ोत्तरि पर भी बल दिया। गरीबी-बेकारी की समस्या के समाधान के लिए भारत-नेपाल दोनों देशों को मिल कर काम करना होगा। पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ना चाहिए।

उपेन्द्र यादव ने अखिलेश यादव को जनकपुर आने का आमंत्रण दिया। दोनों नेताओं में इस बात पर सहमति बनी कि एशिया भर के समाजवादियों का केन्द्र भारत बनेगा। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, संतोष यदुवंशी, हसीमुद्दीन अंसारी, डॉ0 पीके ठाकुर तथा पंकज यादव भी उपस्थित थे।

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