उत्तर प्रदेश

दिल्ली की तरफ देख रहे योगी,पीएम मोदी से आगे निकले : खीरी के पूर्व सांसद रवि वर्मा

बरेली।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खीरी के पूर्व सांसद रवि वर्मा गुरुवार को बरेली पहुंचे।रवि वर्मा ने जिला-महानगर कांग्रेस कमेटी के रामपुर गार्डन स्थित कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।इस दौरान रवि वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर सियासी वार किए।

पूर्व सांसद कांग्रेस नेता रवि वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत बड़े ही इंवेंट मैनेजर है।आज कुछ कहते हैं,कल कुछ कहते हैं,लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उससे आगे निकल गए हैं।योगी खुद दिल्ली की ओर देख रहे हैं।प्रदेश अधिकारियों के हवाले है और मंत्री विधायक लाचार हैं।योगी ने पूरी हुकूमत को अधिकारियों को हवाले कर दिया है। सरकार के दावे बड़े-बड़े हैं। सच को छुपाने का काम हो रहा है।

रवि वर्मा ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन की करने का दावा कर रहे हैं तो फिर सरकारी नौकरी क्यों नहीं निकल रही,पद खाली पड़े हैं और बेरोजगार नौकरी के लिए तरस रहे है।रवि वर्मा ने कहा कि हकूमत के दावों की हकीकत खोलने के लिए कांग्रेसी एक बार फिर यात्राएं निकालेंगे।

रवि वर्मा ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों के पास आज की तारीख में हजारों करोड़ रुपये संचित है।चाहें दिल्ली में एक न्यायाधीश के घर से पैसा मिला हो चाहें यूपी के एक आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं,लेकिन अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुई। सवाल यह है कि ये सरकार कर क्या रही है।

सांसद और विधायक निधि खत्म करने के पक्षधर रवि वर्मा ने कहा कि सांसद निधि बढ़ाने की पैरवी उचित नहीं है। विधायिका का काम नौकरशाही पर निगरानी, विधानसभा और लोकसभा में जनता के हित में पैरवी करने का है, न कि खुद ठेकेदारी करने का।इसलिए निधि बढ़ाने की जरूरत कहां है।

सपा सांसद रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में निधि को पांच करोड़ सालाना से 20 करोड़ किए जाने की पैरवी की है।इसका जिक्र होने पर रवि वर्मा ने कहा कि ये तो जनता के साथ धोखा है।रामगोपाल यादव को जब तक यह बात समझ में आएगी तब तक देर हो चुकी होगी।

रवि वर्मा ने कहा कि सांसद निधि को बढ़ाने की बात पांच किलोग्राम गल्ला की फिलॉसफी है।बस क्लास बदली हुई,देश में गले-गले तक कर्जा चढ़ा हुआ है, उसका समाधान ढूढ़ने की बजाए सांसदों और विधायकों की निधि बढ़ाने की बात चल रही हो तो यह पांच किलोग्राम गल्ला से ज्यादा कुछ नहीं है।

रवि वर्मा ने कहा कि जिस तरह से हिंदुस्तान की श्रमिक पूंजी पांच किलोग्राम गल्ला देकर को प्रोडक्शन सिस्टम से बाहर किया गया, उसी तरह से सांसदों और विधायकों उनकी जिम्मेदारी से बाहर किया जा रहा है। सांसद विधायकों का काम निधि लेना नहीं है बल्कि काम सरकार के काम पारदर्शी बनाए रखने का है,लेकिन निधि ने अधिकतर जनप्रतिनिधियों को ठेकेदार बना दिया।

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