उत्तर प्रदेशलखनऊ

लखनऊ :  फर्जी NSG कमांडो पिस्तौल, वायरलेस हैंडसेट के साथ गिरफ्तार, ट्रेन बस में करता था फ्री सफर

हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आलमबाग बस अड्डे पर पुलिस ने एक फर्जी NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडो को गिरफ्तार किया है। आरोपी, रंजन कुमार (22), कुशीनगर के तरया सुजान के राजपुर बघवा का निवासी, खुद को NSG कमांडो बताकर रोडवेज बसों और ट्रेनों में मुफ्त यात्रा करता था। तलाशी में उसके पास से मेड इन इटली ऑटोमैटिक पिस्तौल, वायरलेस हैंडसेट, फर्जी यूपी पुलिस आईडी, और वर्दी में खींची गई तस्वीरें बरामद हुईं। पूछताछ में रंजन ने स्वीकार किया कि उसका NSG या किसी अन्य सुरक्षा एजेंसी से कोई संबंध नहीं है।

आपको बताते चले कि 5 जुलाई की रात को आलमबाग पुलिस को सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति, जो खुद को NSG कमांडो बता रहा था, बस कंडक्टरों पर रौब जमाकर मुफ्त यात्रा की मांग कर रहा था। कंडक्टरों के विरोध करने पर वह उनसे बदसलूकी और बहस कर रहा था। सब-इंस्पेक्टर संदीप कुमार, हरिओम प्रताप सिंह, हेड कॉन्स्टेबल राजीव शंकर, और कॉन्स्टेबल अविनाश की टीम ने तुरंत कार्रवाई की। आलमबाग बस अड्डे के पास टेढ़ी पुलिया की ओर जाते समय रंजन को पकड़ा गया।

पुलिस ने तलाशी के दौरान उसके पास से मेड इन इटली की ऑटोमैटिक पिस्तौल, जिंदा कारतूस, वायरलेस हैंडसेट, फर्जी यूपी पुलिस आईडी, और कई जाली प्रशस्ति पत्र बरामद किए। रंजन के मोबाइल में वर्दी में उसकी तस्वीरें भी मिलीं, जिनका इस्तेमाल वह अपनी धौंस जमाने के लिए करता था।


पूछताछ में रंजन ने बताया कि उसने यह वर्दी और सामान विकास राय नामक व्यक्ति से लिया, जो खुद को IAS अधिकारी बताता है। उसने दावा किया कि वह वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज की Y-श्रेणी सुरक्षा में तैनात था, लेकिन सख्त पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह नकली कमांडो है और उसका कोई सुरक्षा एजेंसी से संबंध नहीं है। उसने अपनी गलती के लिए पुलिस से माफी भी मांगी।

आलमबाग थाना प्रभारी सुभाष चंद्रा ने बताया कि रंजन के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी), और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। DCP (क्राइम) कमलेश दीक्षित ने कहा कि पुलिस यह जांच कर रही है कि रंजन के पास पिस्तौल और वायरलेस डिवाइस कहां से आए और क्या वह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था। रंजन ने यह भी खुलासा किया कि उसने पड़ोसियों पर मारपीट का फर्जी मुकदमा PGI थाने में दर्ज कराया था, जिसमें वह खुद को CM का सुरक्षाकर्मी बता रहा था

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