वाराणसी में प्रशासन सख्त, नाबालिग वाहन चलाते मिले तो अभिभावकों पर होगा मुकदमा

वाराणसी। अब नाबालिगों द्वारा वाहन चलाते पाए जाने पर सीधे उनके अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह निर्णय बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को देखते हुए लिया गया है। स्कूल खुलने के साथ ही सड़कों पर नाबालिगों को दोपहिया वाहन चलाते देखा जा रहा है, जिससे न केवल उनकी बल्कि अन्य राहगीरों की जान भी खतरे में पड़ रही है।
पिछले वर्ष यातायात पुलिस ने इस विषय पर अभियान चलाया था, जिसमें नाबालिग वाहन चालकों के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी। हालांकि अभियान के बाद कोई ठोस और निरंतर कदम नहीं उठाए गए, जिससे समस्या फिर बढ़ती दिख रही है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों को केवल बिना गियर वाले दोपहिया वाहन चलाने की अनुमति है, वह भी तब जब उनके पास वैध लाइसेंस हो। लेकिन अधिकतर मामलों में नाबालिगों के पास लाइसेंस नहीं होता और वे न तो हेलमेट पहनते हैं, न ही ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं। जनवरी से जून 2025 के बीच वाराणसी में सड़क हादसों में 105 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें सबसे अधिक मौतें हेलमेट न पहनने वाले बाइक सवारों की हुई हैं। चालान भी अधिकतर इसी कारण काटे गए हैं।
कई स्कूल प्रशासन ऐसे नाबालिग छात्रों को वाहन सहित प्रवेश दे देते हैं, जो नियमों की अवहेलना है। प्रशासन अब ऐसे मामलों में स्कूल प्रबंधन की भूमिका की भी जांच करेगा। पुलिस का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।