उत्तर प्रदेशलखनऊ

किसानों को समय पर और समुचित मात्रा में खाद मिले, यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : सीएम योगी

किसानों को खाद की कोई कमी न हो, जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश


खाद की तस्करी अथवा कालाबाजारी पर सख्ती, दोषियों पर होगी कठोर कार्रवाई: मुख्यमंत्री योगी


थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच की जाए, गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निरस्त करने से लेकर एफआईआर तक की कार्यवाही की जाए: मुख्यमंत्री


खरीफ सीजन में खाद वितरण पर फोकस, सरकार ने बनाई निगरानी रणनीति


किसानों की जरूरत प्राथमिकता, खाद आपूर्ति की हर स्तर पर मॉनीटरिंग हो: मुख्यमंत्री


किसानों को पता होना चाहिए कि खाद कहां और किस मूल्य पर उपलब्ध है, इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, कृषि विभाग की वेबसाइट, और स्थानीय मीडिया का समुचित उपयोग किया जाए: मुख्यमंत्री


लखनऊ, 14 जुलाई  (हर्षोदय टाइम्स) : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में खरीफ सीजन के दृष्टिगत किसानों को आवश्यक खाद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खाद की आपूर्ति श्रृंखला की सघन मॉनीटरिंग सुनिश्चित की जाए और कालाबाजारी या जमाखोरी की किसी भी कोशिश पर कठोरतम कार्रवाई हो।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह आवश्यक है कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए जिलों में नियमित रूप से खाद वितरण की समीक्षा हो और जिलाधिकारी स्तर से इसकी निगरानी हो। यदि किसी क्षेत्र में खाद की कमी की सूचना मिलती है, तो तत्काल वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था की जाए।


मुख्यमंत्री ने खाद की प्रदेश के भीतर कालाबाजारी अथवा पड़ोसी देशों में तस्करी के प्रयासों के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति या संगठन किसानों के हक पर डाका डालने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि थोक एवं खुदरा विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच की जाए, और गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निरस्त करने से लेकर एफआईआर तक की कार्यवाही की जाए।


मुख्यमंत्री ने किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कृषकों से संवाद और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था को भी सशक्त करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को पता होना चाहिए कि खाद कहां और किस मूल्य पर उपलब्ध है, इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, कृषि विभाग की वेबसाइट, और स्थानीय मीडिया का समुचित उपयोग किया जाए।


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसान हमारी प्राथमिकता हैं। उनके हितों की रक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। खाद की उपलब्धता, गुणवत्ता और कीमत पर पूरी निगरानी रखी जाएगी, ताकि अन्नदाता को कोई असुविधा न हो।

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