वाराणसी में अधिवक्ता–पुलिस विवाद खत्म, बार एसोसिएशन ने आंदोलन वापस लिया

काशीनाथ पाण्डेय ब्यूरो वाराणसी
वाराणसी। लंबे समय से चल रहा अधिवक्ता–पुलिस विवाद आखिरकार सुलझ गया। सोमवार को बनारस बार एसोसिएशन के सभागार में सेंट्रल और बनारस बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से आंदोलन को समाप्त करने और न्यायिक कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने का निर्णय लिया गया।
इससे पहले गठित समिति ने रविवार को पुलिस कमिश्नर व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वार्ता की जानकारी अधिवक्ताओं के बीच साझा की। समिति ने बताया कि पुलिस आयुक्त ने विवाद के पटाक्षेप की पहल करते हुए मजिस्ट्रियल जांच कमेटी गठित करने और निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही, जांच पूरी होने तक अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों में न तो गिरफ्तारी होगी और न ही किसी तरह की उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बड़ागांव और भेलूपुर क्षेत्र में हुई घटनाओं की भी जांच कराने पर सहमति बनी।
बैठक में अधिवक्ताओं ने आपसी प्रेम–सौहार्द बनाए रखते हुए कामकाज सामान्य रूप से बहाल करने का संकल्प लिया। इसके बाद आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई। बैठक में सेंट्रल बार अध्यक्ष मंगलेश दूबे, महामंत्री राजेश गुप्ता, बनारस बार अध्यक्ष सतीश तिवारी, महामंत्री शशांक श्रीवास्तव समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।
सोमवार को कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी उर्फ कट्टा गुरू भी बनारस पहुंचे और अधिवक्ताओं के आंदोलन को समर्थन दिया। इसके लिए दोनों बार एसोसिएशनों ने उनका आभार जताया। साथ ही अयोध्या, प्रयागराज, सोनभद्र, चंदौली, बलिया, गोरखपुर समेत विभिन्न जिलों से मिले समर्थन के लिए भी कृतज्ञता व्यक्त की गई।