15 अगस्त से खाद व्यापार बंद करेंगे थोक विक्रेता, सरकार व कंपनियों पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

हर्षोदय टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ, 13 अगस्त। एग्रो इनपुट संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अतुल त्रिपाठी के आवाह्न पर बुधवार को राजधानी लखनऊ में प्रदेश के सभी 75 जिलों से आए थोक खाद विक्रेताओं की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि 15 अगस्त तक सरकार के आदेशानुसार यूरिया 260 रुपये प्रति बोरी की दर से थोक विक्रेताओं तक उपलब्ध नहीं कराया गया तो प्रदेश के सभी थोक विक्रेता अनिश्चितकालीन खरीद व्यापार बंद कर देंगे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अतुल त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा प्राइवेट दुकानदारों के हिस्से का उर्वरक पीसीएफ व सरकारी गोदामों के माध्यम से वितरित करने से प्रदेश के करीब 80 हजार फुटकर विक्रेताओं की आजीविका खतरे में पड़ गई है। फुटकर विक्रेता साल के सात महीने बिना व्यवसाय के गुजारते हैं और सिर्फ पांच महीने ही बिक्री का मौका मिलता है। ऐसे में इन पांच महीनों में भी माल सरकारी गोदामों को देकर फुटकर व्यापारियों को ठगा जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंपनियां सरकारी आदेशों के बाद भी थोक विक्रेताओं तक समय से खाद नहीं पहुंचा रही हैं। साथ ही मुख्य उर्वरक के अलावा अन्य उत्पाद—पेस्टीसाइड, सुपर फास्फेट, पीडीएम आदि ऊंचे दामों पर थोप दिए जाते हैं। वहीं, छापेमारी, सैंपलिंग और ओवररेटिंग के नाम पर लगातार व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि कंपनियों और प्रशासन का रवैया ऐसा ही बना रहा तो 15 अगस्त से किसी भी कंपनी का माल खरीदना बंद कर दिया जाएगा। इसके साथ ही संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री और अधिकारियों से मिलकर मांग करेगा कि कंपनियों के लाइसेंस से ऐसे उत्पाद हटाए जाएं, जिससे डीलरों और किसानों को बिना टैगिंग के उर्वरक आसानी से मिल सके।
कार्यक्रम के अंत में प्रदेश अध्यक्ष अतुल त्रिपाठी ने साफ कहा कि जब तक प्रदेश के सभी 80 हजार फुटकर विक्रेताओं को उनका हक नहीं मिलेगा, संगठन की यह लड़ाई जारी रहेगी।