कुशीनगर

हाड़ कंपाती सर्दी से कांपते बच्चे ने जब कहा .. ‘पईसा त मिलल बकिर माई के दवाई में खर्च हो गईल’

  • विभाग की ओर से प्रति छात्र हो चुका है 1100 रुपये का भुगतान

अजय पाठक, व्यूरो प्रमुख, कुशीनगर

कुशीनगर (हर्षोदय टाइम्स) : महंगाई से मजबूर मां बाप पैसे मिलने के बाद भी बच्चों को वर्दी, जूते और स्वेटर नहीं दिला पा रहा है। जी हां, बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के मां बाप की ये मजबूरी सामने आ रही है। विभाग की ओर से प्रति छात्र 1100 रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें दो जोड़ी स्कूली यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग और स्वेटर खरीदना है।

लगभग बीस फीसदी अभिभावक पैसे मिलने के बावजूद अपने बचों का ये सामान नहीं खरीद पाए हैं। शिक्षक बार- बार उन्हें टोक रहे हैं। बच्चों से जब इस बाबत पूछा जाता है तो वो वह संकोच करते हुए जवाब देते हैं । पैसे तो मिले पर घर के काम में खर्च हो गए। जब बच्चे ये जवाब देते हैं तो उनके मां-बाप भी परेशान हो जाते हैं। काश कि वो मजबूर न होते और बच्चों का सामान समय से खरीद सकते। गौरतलब हो कि जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग 2.50 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। लगभग बीस फीसदी बच्चों के माता – पिता अब तक जरूरी सामान नहीं खरीद सके हैं।

पैसा पापा के खाते में आ गया है, लेकिन घरेलू कामों में पैसे खर्च हो जाने से अभी स्वेटर नहीं खरीदा है। पुराने से ही काम चला रहे हैं।

-अनुराग साहनी, कक्षा दो

मां को कुछ जरूरी काम था, जिसमें स्वेटर खरीदने को मिले रुपये खर्च हो गए हैं। पिताजी ने जल्द स्वेटर दिलाने की बात कही है।
-रिशू, कक्षा दो

स्वेटर के लिए पैसे खाते में आ चुके हैं। घर के कामों में खर्च हो गए हैं। अब पैसे आने पर स्वेटर खरीदा जाएगा

-नेयाज अंसारी, कक्षा दो

  • स्कूली ड्रेस, स्टेशनरी और स्वेटर, मोजे खरीदने के लिए अभिभावकों के खातों में रुपये भेजे जा चुके हैं। जिन बच्चों को अभी तक ड्रेस आदि नहीं मिल सकी है, उनके अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है।
  • राम जियावन मौर्या, बीएसए, कुशीनगर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}