उत्तर प्रदेशमहराजगंज

मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी, जिला प्रशासन की कार्रवाई में नपे जिम्मेदार

एपीओ की शिकायत पर ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक पर केस दर्ज

मामले में हेराफेरी का दोषी ग्राम सचिव को सस्पेंड किया गया

महराजगंज, 10 जनवरी (हर्षोदय टाइम्स): जनपद महराजगंज में मनरेगा के कार्यों में गड़बड़ी थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक मामला थमता नहीं कि दूसरा उजागर हो जाता है। ताजा मामला सिसवा ब्लाक का है। ब्लाक के हरपुर पकड़ी गांव में मनरेगा कार्याें में मिली भारी अनियमिता को लेकर मंगलवार को कोठीभार थाने में ग्राम प्रधान प्रदीप मिश्रा, तकनीकी सहायक ईश्वर प्रसाद व रोजगार सेवक रूपेश कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

शिकायत पर हरपुर पकड़ी गांव में मनरेगा के तहत कराए जा रहे दो कार्यो का निरीक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया गया था। इस दौरान भारी अनियमिता पाई गई। जिला प्रशासन ने त्रिस्तरीय टीम का गठन कर जांच करने का निर्देश दिया। जांच के दौरान प्रथम कार्य लालसा के खेत से नदी तक नाला खुदाई कार्य और दूसरा कार्य जीतई के खेत से स्कूल के आगे तक नाला खुदाई एवं सफाई कार्य किया गया है। जांच के क्रम में दूसरे कार्य में अनियमितता पाई गई। जांच टीम ने इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी। जिस पर जिला प्रशासन ने दोषी जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया। 

जांच टीम ने जिला प्रशासन को दिए रिपोर्ट में बताया है कि दूसरा कार्य जीतई के खेत से स्कूल के आगे तक प्राक्कलन के अनुसार कार्य की लंबाई 700 मीटर है। जिसकी धनराशि 2 लाख 93 हजार 919 रूपये दर्शाया गया है। जबकि जांच टीम ने मौके पर कार्य मात्र 600 मीटर पाया गया। इसका भुगतान 98 हजार 882 रूपये का ही भुगतान होना चाहिए। लेकिन इस कार्य पर 1 लाख 14 हजार 118 रूपये अधिक भुगतान कर दिया गया है। 
सिसवा ब्लाक के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी की तहरीर पर कोठीभार थाने में ग्राम प्रधान प्रदीप मिश्रा, तकनीकी सहायक ईश्वर प्रसाद वर्मा व रोजगार सेवक रूपेश कुमार के खिलाफ अपराध संख्या 0011/2023 के तहत धारा 409, 420 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई है। 

इस मामले में जिला प्रशासन ने ग्राम सचिव पिन्टू कुमार रौनियार को निलंबित कर दिया है। लेकिन इनके खिलाफ मुकद्दमा दर्ज न होने पर कई सवाल उठे हैं। ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता को बताया कि इस मामले के हेराफेरी में सचिव भी दोषी पाया गया है। फिर भी उसके खिलाफ मुकद्दमा न दर्ज कराकर मामले में लीपापोती की जा रही है।

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