उत्तर प्रदेशमहराजगंज

एसआईटी करेगी नेपाल सीमा पर बने नये और भव्य मस्जिद तथा मदरसों की जांच

विदेशी फंडिंग का अवैध घुसपैठ और धर्मांतरण में उपयोग किए जाने मामला

मदरसों को विदेशी फंडिंग के मास्टर माइंड की तलाश, घुसपैठियों का नेटवर्क खंगाल रही एटीएस

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : यूपी में मदरसों के विदेशी फंडिंग पर शिकंजा कसा जा रहा है। मास्टर माइंड की तलाश तेज हो गई है। यूपी एटीएस घुसपैठियों का नेटवर्क तलाश रही है।


यूपी एटीएस को मदरसों के जरिए देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग के मास्टर माइंड की तलाश है। इसके लिए विदेशी फंडिंग लाने वाले स्वयंसेवी संगठनों और उनके जरिए चंदा प्राप्त करने वाले मदरसों को चिह्नित किया जा रहा है। बांग्लादेशी नागरिक आदिल को पश्चिम बंगाल ले जाकर ऐसे कुछ ठिकानों का पता भी लगाया गया है।


मानव तस्करी गिरोह के जरिए अवैध घुसपैठ कर भारत पहुंचे मीरपुर (बांग्लादेश) निवासी आदिल उर रहमान को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस को कई अहम सूचनाएं मिलीं। इसके बाद आदिल के दो मददगारों नजीबुल शेख और अबू हुरायरा गाजी को गिरफ्तार किए जाने पर गिरोह के देवबंद (सहारनपुर) और पश्चिम बंगाल कनेक्शन के साथ-साथ विदेशी फंडिंग का भी खुलासा हुआ है। यह गिरोह विदेशी फंडिंग से बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाने और उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में मदद करता है।

पिछले तीन वर्षों में 20 करोड़ रुपये की फंडिंग की जानकारी मिलने के बाद जांच आगे बढ़ी तो इसमें मदरसों को माध्यम बनाने का भी खुलासा हुआ। सूत्रों के अनुसार आदिल को लेकर पश्चिम बंगाल गई एटीएस की टीम ने गिरोह के नेटवर्क के बारे में कुछ ठोस जानकारी एकत्र की है, जिसके आधार पर जल्द ही कुछ अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी हो सकती है।

नेपाल सीमा पर बने मदरसों की पहले होगी जांच

मदरसों को मिलने वाली विदेशी फंडिंग का अवैध घुसपैठ और धर्मांतरण में उपयोग किए जाने की जांच के लिए गठित एसआईटी ने सबसे पहले नेपाल सीमा पर पिछले दो दशक में बने नए मदरसों की जांच करने का फैसला किया है। प्रदेश में इस समय लगभग 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें से लगभग 16 हजार ही पंजीकृत हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने तय किया है कि नेपाल सीमा पर बने नए और भव्य मदरसों की जांच होगी। इन मदरसों की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचनाएं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के पास भी हैं। नेपाल सीमा पर बनी मस्जिदों, मदरसों और मजारों पर बांग्लादेशी नागरिकों को शरण दिए जाने की सूचनाएं भी मिली हैं।

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