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सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं : राजनाथ सिंह

मनोज कुमार त्रिपाठी/उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दशहरा पर्व पर बीते मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शस्त्र पूजन किया और चीन के साथ सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में सेना के जवानों के साथ दशहरा पर्व मनाया।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डेय के साथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक समीक्षा भी की और अटूट प्रतिबद्धता और अद्वितीय साहस के साथ सीमा की रक्षा करने के लिए सैनिकों की सराहना की।

रक्षा मंत्री ने अग्रिम चौकियों का भी किया निरीक्षण

रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंह ने बुमला और कई अन्य अग्रिम चौकियों का न‍िरीक्षण भी क‍िया। इसके बाद सैनिकों के साथ बातचीत की। उन्‍होंने कहा क‍ि मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। रक्षा उपकरणों के स्वदेशी उत्पादन के जर‍िये देश के सैन्य कौशल को मजबूत करने के लिए सभी कोश‍िश की जा रही हैं।

कठिन परिस्थितियों में बॉर्डर की रक्षा और सुरक्षा कर रहे हैं सैन‍ि‍क

उन्होंने कहा क‍ि आप कठिन परिस्थितियों में जिस तरह से बॉर्डर की रक्षा और सुरक्षा कर रहे हैं, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है। उन्‍होंने कहा क‍ि देशवासियों को आप पर गर्व है। आपकी वजह से देश और लोग सुरक्षित हैं।

तवांग में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजा करने के बाद के बाद श्री स‍िंह ने कहा कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उन्होंने सशस्त्र बलों के बहादुर जवानों की ‘धार्म‍िकता और धर्म’ को विजयदशमी के त्योहार के लोकाचार का जीवंत प्रमाण बताया।

भारत अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक

रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों की वीरता और प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद के पीछे मुख्य कारणों में से एक है और यह अब सबसे शक्तिशाली देशों में से एक है।

श्री सिंह ने आर्थिक क्षेत्र में भारत की सफलता को देश की बढ़ती वैश्विक छवि के कारणों में से एक बताया। साथ ही यह भी कहा कि अगर सशस्त्र बलों ने देश की सीमा की प्रभावी ढंग से रक्षा नहीं की होती, तो इसका कद नहीं बढ़ता।

पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर 3 साल से बना है गतिरोध

रक्षा मंत्री ने कहा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर सैनिकों के साथ दशहरा ऐसे समय मनाया है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर 3 साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है।

गृह मंत्री रहने के समय भी व‍िजयदशमी पर ‘शस्त्र पूजा’ करते रहे राजनाथ स‍िंह

वहीं देखा जाए तो दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। प‍िछले कई सालों से दशहरा के दौरान ‘शस्त्र पूजा’ करते रहे हैं । एनडीए सरकार में गृह मंत्री रहते हुए भी राजनाथ स‍िंह व‍िजयदशमी के द‍िन ‘शस्त्र पूजा’ किया करते थे।

बॉर्डर एर‍िया में शांति नहीं होती तब तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते

इस बीच देखा जाए तो भारत लगातार कहता आ रहा कि चीन के साथ तब तक उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होती। सेना ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद से सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के काफी क्षेत्रों के साथ-साथ करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती को काफी बढ़ा दिया है।

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