इंडो नेपालमहराजगंज

सरकार और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता विफल, आंदोलन और धरना-प्रदर्शन रहेगा जारी : अध्यक्ष सिद्धार्थ संज्जाल एसोसिएशन रूपंदेही नेपाल

आज अगर सरकार ने स्वेच्छा से हमारी मांगे नहीं मानी अनिश्चितकालीन हड़ताल धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा – पूर्व अध्यक्ष उद्योग वाणिज्य संघ भैरहवा नेपाल

मनोज कुमार त्रिपाठी


भैरहवा नेपाल/महराजगंज (हर्षोदय टाइम्स) : काठमांडू में सरकार और आंदोलन कारी सात सदस्यीय प्रतिनिधियों के बीच आज की वार्ता विफल हो गई। आंदोलनकारियों के कल बुधवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की संभावना है। उक्त जानकारी सिद्धार्थ संज्जाल एसोसिएशन रूपंदेही नेपाल के अध्यक्ष अनिल कुमार ज्ञवाली ने दी है।

बता दें कि भारतीय सीमा से सटे नेपाल के रूपंदेही जिले के भैरहवा में स्थित गौतमबुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट के नियमित संचालन को लेकर आज दसवें दिन भी आंदोलनकारियों का धरना प्रदर्शन जारी रहा। सिद्धार्थ संज्जाल एसोसिएशन रूपंदेही के तत्वावधान में किए जा रहे शांति पूर्ण आंदोलन में संपूर्ण नागरिक समाज, बुद्धिजीवी, उद्योगी, व्यवसाई, राजनीतिज्ञ समेत सभी नागरिकों ने आंदोलन को समर्थन देने का फैसला कर आज दसवें दिन भी एअरपोर्ट पर धरना-प्रदर्शन जारी रहा।


इस अवसर धरना-प्रदर्शन में उपस्थित आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए भैरहवा उद्योग वाणिज्य संघ के पूर्व अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि हमारी मांगों को जब तक सरकार पूरा नहीं करेगी आंदोलन औरधरना-प्रदर्शन
जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यहां की लाखों जनता के पेट और रोजी-रोटी का सवाल है। केंद्र सरकार को तुरंत इस विमान स्थल का संचालन शुरू कराना चाहिए ताकि लोगों को इस बड़ी समस्या से निजात मिल सके। इसके पूर्ण रूप से संचालित न होने से यहां के उद्योगी, व्यवसाई, किसान, होटल व्यवसाई, पर्यटन पर काफी बुरा असर पड़ा है जिससे यहां बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है। आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए जनहित और उद्योग, व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट से उड़ान तत्काल प्रभाव से शुरू करना चाहिए। इसके नियमित संचालन के लिए प्रधानमंत्री जी को स्वयं पहल करना चाहिए।


बता दें कि गौतमबुद्ध अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट का उद्घाटन 16 मई 2022 को प्रधानमंत्री के करकमलों से हुआ था। तब से इस अंतर्राष्ट्रीय एअरपोर्ट पर नियमित उड़ाने नहीं हुई। इसी को लेकर यहां के उद्योगी व्यवसाई लामबंद हैं।

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