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सुब्रत रॉय के निधन के बाद नेपाली निवेशकों के पैसे का क्या होगा? कहीं डूब तो नहीं जाएगा पैसा!

नेपाली निवेशकों को सताने लगी है‌ चिंता

नेपाल के एजेंटों को मिल रही हैं धमकी

मनोज कुमार त्रिपाठी

भैरहवा नेपाल: सहारा इंडिया समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा से जुड़े निवेशकों के मन में अपने पैसे को लेकर कई सवाल मन में तैर रहे हैं। क्या निवेश की गई उनकी गाढ़ी कमाई उन्हें वापस मिलेगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि पैसा डूब जाएगा। भारत ही नहीं नेपाल में भी करोड़ों लोगों ने सहारा समूह की चार को-ऑपरेटिव सोसायटी में पैसा निवेश कर रखा है। इसमें उन आम आदमी के भी पैसे हैं जो बेहद कम इनकम वाले हैं। हर रोज उन्होंने लंबे समय तक पैसे जमा किए। हाल के कुछ घटनाक्रम के बाद निवेशकों को लगने लगा था कि शायद उनका पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा। लेकिन अब सुब्रत रॉय के निधन के बाद फिर से लोगों को इस बात की चिंता सताने लगी है।

तब सुप्रीम कोर्ट ने दिया था पैसे लौटाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में एक सुनवाई में करीब 3 करोड़ निवेशकों का उनका पैसा लौटाने का फरमान सहारा समूह को सुनाया था। फैसले के बाद केंद्र ने एक पोर्टल बनाया, ताकि लोग उसपर रिफंड के लिए अप्लाई कर सकें। लाखों निवेशकों ने इस पोर्टल पर अप्लाई किया। खबर के मुताबिक,सहारा रिफंड पोर्टल के जरिये पैसे लौटाने की जिम्मेदारी चार समितियों- सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड लखनऊ, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसायटी लिमिटेड भोपाल, सहारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पस को-ऑपरेटिव सोसायटी हैदराबाद को दी गई ।

सिर्फ पोर्टल के जरिये अप्लाई करने पर पैसा होगा रिफंड

सहारा के निवेशकों को इन्हीं समितियों में अप्लाई करना होता है। निवेशकों के लिए यह स्पष्ट है कि पैसा पाने के लिए सिर्फ पोर्टल के जरिये ही निवेशकों को अप्लाई करना होगा। खबर के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बीते 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये रिफंड किए हैं। खबर के मुताबिक, स्पेशल तौर पर ओपन किए गए बैंक अकाउंट्स में जमा रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन अप्लाई करने वालों को मिलना तय है। लेकिन नेपाल के निवेशकों के बारे में अभी तक इस तरह का कोई भी आदेश नहीं है।

बताते चलें कि सहारा समूह में नेपालियों का खरबों रुपया जमा है जिसे वापस पाने के लिए नेपाल के निवेशक एजेंटों के चक्कर काट रहे हैं पर एजेंटों द्वारा उन्हें कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल रहा है। दर असल नेपाल के एजेंटों ने निवेशकों से सहारा समूह में पैसा जमा करते वक्त यह कहा था कि अगर किन्हीं कारणों से सहारा समूह पैसा नहीं देगा तो उनका पैसा वह स्वयं देंगे। इसी बात को लेकर नेपाल के निवेशक एजेंटों को घेर रहे हैं।

नेपाल भारत का सबसे नजदीकी पड़ोसी देश है लेकिन यहां का नियम कानून कुछ अलग है। ऐसे में नेपालियों का खरबों रुपया निवेशकों को वापस कैसे होगा यह एक बड़ा यक्ष प्रश्न है? उधर नेपाल के एक एजेंट का कहना है कि निवेशक अब उन्हें धमकी दे रहे हैं। सुब्रत राय के निधन के बाद नेपाल के सभी निवेशकों के हौसले टूट रहे हैं।

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