उत्तर प्रदेशमहराजगंज

मानव मन की शांति से ही होगी विश्व में शांति- शांति दीदी क्षेत्रीय प्रमुख

मनोज कुमार त्रिपाठी

भैरहवा/ नेपाल: भारतीय सीमा से सटे नेपाल के रूपंदेही जिले के भैरहवा स्थित ओम शांति कार्यालय में आज विश्व शांति के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।


इस अवसर पर ओम शांति संस्था की क्षेत्रीय प्रमुख शांति दीदी ने कहा कि विश्व की शांति के लिए समाज में शांति का होना अनिवार्य है। समाज की शांति का सामंजस्य सीधे मन की शांति के साथ होता है। यदि मनुष्य अपने मन को शांत नहीं रख पायेगा तो दुनिया में शांति की स्थापना असंभव है। मनुष्य के विचार,उनकी इच्छा तथा उनके कार्य उनके मन को एक दिशा देते हैं, जिसके आधार पर समाज की संरचना का निर्माण होता है। हमारा विश्व किन परिवेशों से ढ़का रहेगा, यह हमारी मानसिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है। विश्व में शांति बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि हम अपने मन को शांत रखें और ईश्वर में ध्यान लगाए रखें।उन्होंने कहा कि एशिया के पांच महाद्वीपों में 150 संस्था इस पर काम कर रही है। भैरहवा नेपाल में यह संस्था विगत 50 सालों से काम कर रही है। आज यहां विश्व शांति को लेकर ही परिचर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि समय,परिस्थिति कोई भी हो हम अपनी समझ बरकरार रखें। विश्व शांति कायम रखना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है,जिसे हमें अपने माध्यम से जीवंत रखना है।

दूसरों की मदद, मन करे प्रसन्न

हम प्रत्येक व्यक्ति की मदद करने में सक्षम नहीं होते। परन्तु दुनिया में ऐसे कई व्यक्ति हैं जिनकी मदद करने की क्षमता हमारे भीतर होती है। हमें कोशिश करना चाहिए कि हम उनकी मदद कर सकें। इससे हमारे मस्तिष्क के भीतर ऐसी रासायनिक क्रिया उत्पन्न होती है जो हमारे मन को स्थिर बनाता है। ऑक्सफोर्ड के अनुसंधान में यह सिद्ध भी किया गया है कि मनुष्य दूसरों की मदद करके हम अपने मन को शांत कर सकते हैं। हम सब ने किसी ना किसी क्षण यह खुद महसूस किया होगा कि जब हम किसी व्यक्ति की मदद करते हैं तो हमारे मन को कितना अच्छा लगता है। हम अपने मन में कितना सुकून महसूस करते हैं।

हम जब भी खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं तो हमें कितना सुकून मिलता है। ऐसा लगता है कि हम बस यहीं रुक जाएं, प्रकृति के करीब । हमारी इच्छा होती है कि जीवन का यह रूप हमेशा हमारे साथ रहे। यदि हम विचार करें तो इस क्षण में हमारे मन में किसी नकारात्मक भावना का जन्म नहीं होता है। हम खुश रहते हैं और केवल अच्छी चीजों को ही ध्यान में लाते हैं। इस चरण से निकलने के बाद भी काफी समय तक खुद को ऊर्जावान महसूस करते हैं और केवल अच्छे कार्य को करने का ख्याल ही मन में आता है। सुबह जल्दी सो कर उठने पर जब हम घर के बाहर निकलते हैं तो हमें यह माहौल कितना प्रिय लगता है। हम यह सोचते हैं कि काश यह माहौल हमेशा ही ऐसे रहे। सुबह शांत माहौल में पक्षियों की चहचहाहट हमें उस मधुर संगीत सा प्रतीत होता है जो हमारा पसंदीदा संगीत होता है। इस पल में हमारा मन खुद को कितना शांत महसूस करता है। मन की शांति, प्रत्येक क्षेत्र चैतन्य मन की शांति प्रत्येक परिपेक्ष में आवश्यक होती है। विश्व में
शांति बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि दुनिया में धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक शांति हमेशा चलन में रहे। इन क्षेत्रों में स्थिरता बनी रहे। यह केवल तभी संभव होता है जब मनुष्य आवेश रहित रहता है। धार्मिक विचारधारा का दुनिया के हर कोने में प्रचलन है और प्रत्येक मनुष्य के जीवन में इसकी साझेदारी। हम धर्म को आधार मानकर चलें परन्तु आवश्यक है कि हम इनकी चर्चाओं के समय अपने मन को आवेग रहित रखें। हम प्रयास करें कि धर्म के कारण किसी भी प्रकार की अशांति की आग ना जले। यह सिर्फ तभी संभव है जब हम अपने मन को शांत रख पाएंगे। राजनीति समाज के नियमों का निर्माण करता है। राजनीति की धूप से दुनिया का एक भी कोना अछूता नहीं है। आवश्यक है कि शांति का माहौल पैदा करें, क्योंकि यह विश्व शांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


इस अवसर पर ब्रह्म कुमार भूपेंद्र जी,हरि सिटौला, ओम प्रकाश जी,अनीसा जी, दीपेंद्र जी, आकृति, अविनाश, सृष्टि श्रेष्ठ,विद्या श्रेष्ठ आदि बड़ी संख्या में ओम शांति के अनुयाई मोजूद रहे।

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