कश्मीर में पीएम मोदी को मिला नया दोस्त,साथ में करवाई सेल्फी

विकसित भारत कार्यक्रम के लाभार्थी और शहद कारोबारी हैं नाजिम
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
जम्मू कश्मीर/महराजगंज! आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने पहले कश्मीर दौरे पर हैं। यहां से पीएम मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक सेल्फी शेयर की, जो कि चर्चा का विषय बन गई है। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर पुलवामा के रहने वाले अपने ‘दोस्त’ नाजिम के साथ सेल्फी साझा की है। इस पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि मेरे दोस्त नाजिम के साथ एक यादगार सेल्फी। मैं उनके अच्छे काम से प्रभावित हुआ। बैठक में उन्होंने एक सेल्फी लेने का अनुरोध किया और उनसे मिलकर खुशी हुई। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं।
पीएम मोदी के इस पोस्ट के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर नाजिम कौन है, जिसे पीएम मोदी ने अपना दोस्त तक बता दिया। दरअसल पीएम मोदी के साथ सेल्फी क्लिक करवाने वाले नाजिम विकसित भारत कार्यक्रम के लाभार्थी हैं और उन्होंने विकसित भारत विकसित जम्मू-कश्मीर कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान नाजिम ने अपने आप को शहद विक्रेता के रूप में अपनी यात्रा के बारे में पीएम मोदी को बताया। शहद बेचने की यह यात्रा नाजिम ने साल 2018 में अपने घर की छत से शुरू की थी। उन्होंने कहा कि तब वे कक्षा 10 वीं में थे और उसी दौरान मधुमक्खी पालन का काम शुरू किया। जैसे-जैसे नाजिम की इसमें रुचि और बढ़ती गई, उन्होंने मधुमक्खी पालन के बारे में और ऑनलाइन रिसर्च शुरू की।
पिछले साल बेचा पांच हजार किलो शहद
नाजिम ने बताया कि साल 2019 में मैं सरकार के पास गया और मधुमक्खियों के 25 बक्से के लिए 50 फीसदी की सब्सिडी हासिल की। इसमें से मैंने 75 किलो शहद निकाला। मैंने ग्रामीण क्षेत्र के गांवों में इस शहद को बेचना शुरू किया, जिसके एवज में मुझे 60,000 हजार रुपये मिले। 25 बक्सों से यह 200 बक्सों तक पहुंच गया और फिर मैंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की मदद ली। इस योजना के तहत मुझे पांच लाख रुपये मिले और 2020 में मैंने अपनी वैबसाइट शुरू की।” धीरे-धीरे नाजिम के शहद के ब्रांड को काफी पहचान मिल गई और उन्होंने सिर्फ साल 2023 में ही पांच हजार किलो का शहद बेच दिया।
कश्मीर में मीठी क्रांति का किया नेतृत्व
अब इस जर्नी में नाजिम के साथ कम से कम 100 लोग काम करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब उन्हें एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर्स) भी मिल गया है। कार्यक्रम के दौरान नाजिम के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा कि जब वे छोटे थे, तब क्या बनना चाहते थे? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उनके पैरेंट्स उन्हें या तो डॉक्टर या फिर इंजीनियर बनाना चाहते थे, लेकिन वह कुछ अलग काम करना चाह रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आपके परिवार ने आपकी क्षमता को पहचाना और आप डॉक्टर बन सकते थे, लेकिन आपने वह रास्ता नहीं लिया। ऐसा करके आपने कश्मीर की मीठी क्रांति का नेतृत्व किया है। आपको बहुत-बहुत बधाई।