इंडो नेपाल

भैरहवा के भीम अस्पताल में एक वर्ष में सवा लाख मरीजों की देखभाल की

मनोज कुमार त्रिपाठी

भैरहवा/ नेपाल : इस क्षेत्र के सरकारी पुरानी अस्पताल भीम अस्पताल भैरहवा मे वित्तीय वर्ष 2080.081 में 1 लाख 12 हजार 8 एक सौ मरीजों ने ओपीडी सेवा ली।

अस्पताल के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्तीय वर्ष में अस्पताल ने 15000 मरीजों की आपातकालीन स्वास्थ्य की देखभाल की।

अस्पताल द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित समीक्षा सम्मेलन में अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्डर खिनु थापा ने अस्पताल द्वारा वर्ष भर प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं और उसके प्रभाव पर एक रिपोर्ट जारी की और बताया कि पहले की तुलना में अस्पताल में सुधार हुआ है। उनके मुताबिक, सीमित संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद ऐसा लगता है कि अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी अधिकतम सेवा देने की कोशिश कर रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अस्पताल विकास समिति के अध्यक्ष डाॅ अनंत शर्मा ने की तथा जिला समन्वय समिति रूपंदेही के प्रमुख उमाकांत चापागाई कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में बोलने वाले अधिकांश वक्ताओं ने कहा कि भीम हॉस्पिटल ने कोरोना के बाद स्वास्थ्य सेवा में सफलता हासिल की है। आम नागरिकों की मांग और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनका विचार था कि अस्पताल को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुखिया यीशु उमाकांत चापागाई ने कहा कि अस्पताल की सेवा में सुधार तो हो रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि कुशल चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं अन्य कर्मियों के सामूहिक प्रयास से अस्पताल की भौतिक संरचना, आवश्यक उपकरणों का विकास एवं तैनाती से ही अस्पताल नागरिकोन्मुखी बन सकता है। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि स्वास्थ्य कर्मियों के अच्छे व्यवहार से अस्पताल लोकप्रिय होगा।

कार्यक्रम में अस्पताल प्रमुख एवं चिकित्साधिकारी अधीक्षक (मेसू) डाॅ शकुंतला गुप्ता ने कहा कि भीम अस्पताल नेपाल के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है

उन्होंने कहा कि वह यहां के नागरिक हैं समाज के साथ और उसकी मदद के लिए और अधिक काम करना है।

टोगला एतान अनुभाग की संरचना। उसने नहीं कहा है आवश्यक जनशक्ति की कमी और सीमित संसाधनों के बावजूद, हम विभिन्न सेवाओं का विस्तार करके गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

इसके बावजूद हम विभिन्न सेवाओं का विस्तार कर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं।

भीम हॉस्पिटल विकास समिति के अध्यक्ष डाॅ अनंत कुमार शर्मा ने कहा कि अस्पताल ने अब तक जो प्रगति की है, उसमें किसी एक व्यक्ति का योगदान नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व अध्यक्षों के अथक प्रयास और योगदान से ही उसका विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि वह 2051-52 में इस अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर थे, फिर मेसू और अब प्रेसिडेंट हैं। उन्होंने कहा कि भले ही भीम अस्पताल 1990 में 3 बेड के साथ शुरू हुआ और 2-300 बेड के साथ अस्पताल खुले, लेकिन यह अस्पताल उस तरह से आगे नहीं बढ़ सका। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आईसीयू का संचालन जरूरी है। हालांकि, इसे फूल आने के चरण में चलाया जाना चाहिए। सिर्फ नाम के लिए सेवा देकर नहीं। इसी प्रकार हृदय से संबंधित प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वे सलाह और सुझावों को आत्मसात करके आगे बढ़ेंगे।

सिद्धार्थनगर नगर पालिका वार्ड नंबर 13 के वार्ड चेयरमैन सोम बहादुर गुरुंग ने कहा कि चूंकि सिद्धार्थनगर-13 में अस्पताल है, इसलिए वार्ड कार्यालय और अस्पताल के बीच नाखून और मांस जैसा रिश्ता है।अस्पताल विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष नारायण भंडारी ने दावा किया कि 2078 के बाद अस्पताल का विकास दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल जैसी विषम परिस्थिति में भी जब उन्होंने अस्पताल के अध्यक्ष के रूप में सभी के साथ मिलकर काम किया और कर्मचारियों के मनोविज्ञान को समझा तो अस्पताल का चेहरा बदल गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पताल में अध्यक्ष से लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तक सभी को एकमत होना चाहिए।

पूर्व अध्यक्ष कुल प्रसाद न्योपाने ने सुझाव दिया कि अस्पताल द्वारा तैयार किये गये मास्टर प्लान को पूरा करने के लिए अब एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व अध्यक्ष आनंद प्रसाद गुप्ता ने सुझाव दिया कि अस्पताल को चिकित्सकों के रहने की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल में शटर का किराया महंगा बताते हुए इस पर पुनर्विचार करने को कहा।

स्वास्थ्य निदेशालय लुंबिनी प्रांत के राम प्रसाद भट्टाराई ने कहा कि भीम अस्पताल की सेवा अच्छी गुणवत्ता की है। उन्होंने कहा कि सूबे के 13 अस्पतालों में से टॉप टेन में शामिल भीम हॉस्पिटल ने सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी है।

उद्योग व्यापार संगठन, रूपंदेही के अध्यक्ष दर्पण श्रेष्ठ ने कहा कि अस्पताल में आईसीयू सेवा संचालित की जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भीम अस्पताल को नेपाल का अग्रणी अस्पताल बनाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में उपभोक्ता कल्याण संरक्षण फोरम नेपाल के केंद्रीय सदस्य भरत बहादुर केसी ने सुझाव दिया कि भीम अस्पताल, जो एक जिला अस्पताल है, को स्थानीय नागरिक समाज की मदद से अपनी सेवाओं में सुधार करना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों का अस्पताल पर भरोसा होने के कारण डिलीवरी एवं फार्मेसी सेवाओं में भी तेजी लाने का सुझाव दिया।

सिद्धार्थ नेटवर्क, रूपंदेही के अध्यक्ष अनिल कुमार ज्ञवाली ने कहा कि भीम अस्पताल के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘अस्पताल में साफ-सफाई जरूरी है। इसके अलावा यहां के स्वास्थ्य कर्मियों के बोलने के व्यवहार में भी सुधार लाना जरूरी है।

वहीं लुंबिनी प्रेस क्लब के अध्यक्ष जकजन शर्मा ने कहा कि अस्पताल में काफी सुधार हुआ है। भीम अस्पताल मरीजों की पसंद बनने में सफल हो गया है, लोगों का अस्पताल के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘अस्पताल के यहां आने के लिए पूर्व अध्यक्ष और मेसू की भूमिका अहम है।उन्होंने सवाल उठाया कि अस्पताल में आईसीयू सेवा क्यों नहीं संचालित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आईसीयू सेवाएं बहुत जरूरी हैं। भीम अस्पताल भैरहवा यहां के नागरिक नेताओं की सलाह और सुझावों और नागरिकों की जरूरतों के आधार पर अस्पताल के भौतिक बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। गुप्ता ने कहा।
कार्यक्रम का संचालन अस्पताल प्रबंधक सुरेंद्र अधिकारी ने किया।

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