रिश्वतखोरी के आरोप में एनएचआई के डिप्टी मैनेजर समेत दो निलंबित, तकनीकी सहायक बर्खास्त, घूसकांड में सीबीआई ने की थी गिरफ्तारी
सार
कुशीनगर के पेट्रोल पंप आवंटी को एनओसी देने के एवज में 1.50 लाख रुपये रिश्वत मांग रहे नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक (पीडी) के निजी सचिव बिजेंद्र सिंह को भारी पड़ गया है। बीते दिनों उन्हें सीबीआई टीम ने 50 हजार रुपये रिश्वत लेते दबोच लिया था। एनएचआई के डिप्टी मैनेजर समेत दो को निलंबित और तकनीकी सहायक को बर्खास्त कर दिया गया है।
पूर्वी क्षेत्र वाराणसी के क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय में दोनों की तैनाती
गोरखपुर परियोजना निदेशक के व्यक्तिगत सहायक को भी सस्पेंड किया
विभागीय स्तर पर जांच कमेटी गठित
उमेश चन्द्र त्रिपाठी
वाराणसी/ गोरखपुर/ महराजगंज! पेट्रोल पंप को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के गोरखपुर परियोजना निदेशक के निजी सचिव बिजेंद्र सिंह और वाराणसी क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय के डिप्टी मैनेजर जय प्रताप सिंह चौहान को निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा वाराणसी आरओ आफिस के तकनीकी सहायक मुकेश कुमार को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है। एनएचएआई ने प्रकरण में अलग जांच कमेटी नियुक्त की है। वह सीबीआई की जांच से इतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
एक सप्ताह पहले सीबीआइ टीम में शामिल पांच अधिकारियों ने वाराणसी पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय में छापा मारा था। इस दौरान सभी कर्मचारियों के मोबाइल बंद कर दिए गए। जय सिंह चौहान और मुकेश को टीम अपने साथ लेते गई थी।
गोरखपुर के पीडी कार्यालय से गिरफ्तारी के दौरान बिजेंद्र ने सीबीआई को बताया था कि रिश्वत का हिस्सा वाराणसी पूर्वी क्षेत्र कार्यालय तक भेजा जाता है। वह इसमें अकेले दोषी नहीं है। इसके बाद सीबीआई टीम पूर्वी क्षेत्र कार्यालय पहुंची और डिप्टी मैनेजर और असिस्टेंट से पूछताछ शुरू कर दी।
जय प्रताप सिंह एक साल से आरओ दफ्तर में तैनात है, इससे पहले वह गोरखपुर पीडी कार्यालय पर भी कार्य कर चुका है। वह तभी से बिजेंद्र के संपर्क में था। पेट्रोल पंप की एनओसी के लिए बिजेंद्र ने शिकायतकर्ता से डेढ़ लाख रुपये घूस मांगा था, इसमें 50 हजार रुपये रिश्वत की रकम के साथ सीबीआई ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।