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दुर्गा प्रसाई को आज अदालत से जमानत मिली, परिसर से बाहर आते ही पुलिस ने पुनः किया गिरफ्तार

अदालत से बाहर समर्थकों और पुलिस के बीच जोरदार धक्का मुक्की और प्रदर्शन

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

काठमांडू नेपाल। राष्ट्र, राष्ट्रीयता, धर्म, संस्कार और नागरिक बचाव महाअभियान के संयोजक दुर्गा प्रसाईं को अदालत परिसर से ही फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्हें इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन अधिनियम, 2063 के तहत आरोपों में जमानत पर रिहा किए जाने के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार किया गया।

जमानत देकर अदालत से बाहर निकलते ही पुलिस ने उन्हें पुनः हिरासत में लिया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने अदालत परिसर में नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईबी) के एसपी होविंद्र बोगटी ने बताया कि आपराधिक लाभ से संबंधित आरोपों की जांच चल रही है, जिसके कारण उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में काठमांडू जिला अदालत के न्यायाधीश विष्णु प्रसाद अवस्थी ने 40,000 रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। जमानत भरते ही उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।

हालांकि, प्रसाईं ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री ओली के कम्बोडिया की एक टेलीफोन कंपनी में निवेश से जुड़े दस्तावेज उन्होंने खुद तैयार नहीं किए, बल्कि ये दस्तावेज कम्बोडिया में रहने वाले एक नेपाली ने उन्हें भेजे थे।

भारतीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर नेपाल के व्यवसायियों को धमकाने वाले हरिचंद्र फुयाल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईबी) की हिरासत में हैं। पुलिस का दावा है कि प्रसाईं ने ही उन्हें धमकाने के लिए इस्तेमाल किया था।

व्यवसायियों को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार हरिचंद्र फुयाल ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उन्होंने इस काम के लिए 5 लाख रुपये लिए थे। पुलिस ने इस आपराधिक लाभ से संबंधित मामले में प्रसाईं से भी पूछताछ की है।

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