इंडो नेपालमहराजगंज

बुटवल के नीलकंठ बाबा धाम में विश्व कल्याण व शांति के लिए 92 दिनों से चला आ रहा शिव-शक्ति महायज्ञ संपन्न

नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने और पूरी दुनिया में सुख, शांति और समृद्धि लाने के निमित्त हुआ यज्ञ- शंकर प्रसाद पांडे पूर्व सांसद नेपाल

विश्व में मानव कल्याण के लिए हुआ यह महायज्ञ – आचार्य विष्णु ज्ञवाली सदस्य विश्व हिंदू परिषद नेपाल

सभी की आस्था का प्रतीक है बुटवल का नीलकंठ धाम मंदिर – लक्ष्मी श्रेष्ठ आजीवन सदस्य नीलकंठ मंदिर बुटवल नेपाल

मनोज कुमार त्रिपाठी/कृष्ण कांत त्रिपाठी

बुटवल नेपाल: विश्व कल्याण के लिए यज्ञ जरूरी है। यज्ञ से खासकर मानव जीवन में बहुत लाभ मिलता है। यज्ञ हर तबके को आपस में जोड़ने का काम करता है। गांव,समाज, राष्ट्र तथा विश्व में आपसी सद्भाव,आत्मा-परमात्मा, दोस्त-मित्र, हित-कुटुम्ब सभी को एक सूत्र में पिरोने का कर्म ही यज्ञ से होता है। नेपाली कांग्रेस के तीन बार रहे पूर्व सांसद शंकर प्रसाद पांडे ने बुटवल स्थित श्री संतोषी माता गुरूकुल विद्याश्रम बुटवल वार्ड नंबर 7 के प्रांगण में स्थित नीलकंठ बाबा धाम में बातचीत के दौरान उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय धर्म जागरण अभियान के तहत नेपाल को पुनः हिंदू राष्ट्र बनाने व विश्व में सुख, शांति और समृद्धि के लिए 92 दिनों का यह शिव-शक्ति महायज्ञ शुरू किया गया था जिसका आज समापन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नेपाल के बुटवल में स्थित नीलकंठ बाबा धाम कि महिमा ही अपरंपार है। यहां विश्व कल्याण के लिए किया जा रहा शिव-शक्ति महायज्ञ का आज 92 बे वां दिन है। यह महायज्ञ 92 दिनों तक चला है। इस महायज्ञ में 121 ब्राह्मणों द्वारा 11अतिरूद्र तथा 11 हजार चंडी पाठ किया गया है।

महायज्ञ के संचालक सदस्य आचार्य विष्णु ज्ञवाली ने कहा कि इस तरह का शिव-शक्ति महायज्ञ दुनिया में कहीं नहीं हुआ। काशी और हरिद्वार के विद्वान ब्राह्मणों के अलावा 121 ब्राह्मण पुजारियों ने इस महायज्ञ में भाग लिया और यज्ञ को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। पुराणों में भी इस तरह के महायज्ञ का कहीं कोई वर्णन नहीं है। उन्होंने बताया कि विश्व में मानव कल्याण के लिए ही इस महायज्ञ का आयोजन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस महायज्ञ में दिन में तीन बार रूद्राभिषेक किया जाता रहा है।

नीलकंठ धाम मंदिर की आजीवन सदस्य लक्ष्मी श्रेष्ठ नेपाल की नीलकंठ धाम मंदिर की महिमा अपरंपार है यहां जो भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं भोलेनाथ उनकी मुरादें पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि इस महायज्ञ में 363 लीटर दूध,180 Kg गाय का शुद्ध देशी घी, 363 लीटर गन्ने का जूस,363 Kg दही और रोग नाश के लिए गिलोय और कुश का रूद्राभिषेक किया जाता है। इस महायज्ञ के समापन अवसर पर नीलकंठ बाबा धाम की अध्यक्ष देवमाया भट्टराई, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी न्योपाने,इंद्र पोखरेल, गंगाधर न्योपाने,लक्ष्मी भंडारी,उमा भंडारी,चेतन भट्टराई के अलावा बड़ी संख्या में साधू-संतों ने भी सिरकत किया है।

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