कृषि क्षेत्र में यूपी को देश में बनाना है अग्रणी राज्य: सूर्य प्रताप

- कृषि मंत्री ने मंडलीय खरीफ गोष्ठी में किया आह्वान, किसानों की सुनी समस्याएं
- समधान और सुझाव के लिए वहां उपस्थित अधिकारियों को मंत्री ने दिया निर्देश
हर्षोदय टाइम्स / हरीश उपाध्याय
गोरखपुर : एनेक्सी भवन में मंडलीय किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश चावल उत्पादकता में राष्ट्रीय औसत उत्पादकता के रीब पहुंच चुका है। दलहन और तिलहन में आत्म निर्भरता के लिए सरकार ने 10 लाख किसानो को निशुल्क बीज किसानों को उपलब्ध कराया। जिसका परिणाम रहा कि प्रदेश में दलहन के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। सात वर्षो में तिलहन के उत्पादन में करीब 8.5 लाख टन की वृद्धि हुई है। यह सब सामूहिक प्रयास से ही हो रहा है। कृषि मंत्री ने उपस्थित किसानों और अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि देश में उत्तर प्रदेश को कृषि क्षेत्र अग्रणी राज्य बनाना है तो मिलकर काम करना होगा।
इसके पूर्व कृषि मंत्री ने दीप प्रज्जवलन कर मंडलीय गोष्ठी का शुभारंभ किया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान कृषि के साथ बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन में भी ध्यान दे जिससे उनकी आजीविका बढ़ सके। राज्य सरकार भी इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगातार प्रयास कर रही है। नंद बाबा दुग्ध मिशन तथा गौ संवर्धन योजना के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किया जा रहा है। गन्ना किसानो को समय पर भुगतान, बंजर भूमि विकास हेतु जिप्सम का वितरण, एफपीओ को कृषि यंत्रों पर अनुदान, एमएसपी में निरन्तर वृद्धि आदि प्रयासो के माध्यम से सरकार कृषि विकास एवं किसान कल्याण के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बीज के लिए सीड हब और सीड पार्क भी बनाये जा रहे है। जिससे किसान बीज खरीदने के साथ बीज का उत्पादन भी करे। कुशीनगर में कृषि पर अनुसंधान हेतु एक कृषि विश्वविद्यालय के निर्माण का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया जा चुका है। किसानोu से ढैचा की खेती करने का आह्वान करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत कम लागत वाली कृषि है जो आय के साथ भूमि के स्वास्थ्य को भी उत्तम बनायेगी। इसकी शतप्रतिशत उत्पादन का क्रय राज्य सरकार करेगी।
जंगली पशुओ से फसलों को नष्ट होने से बचाया जाए
गोष्ठी के दौरान उप्स्थित किसानों ने मंत्री के सामने अपनी समस्याएं भी रखी। महराजगंज के किसान वीरेंद्र चौरसिया ने मांग किया कि सरकार अधिक से अधिक कृषि यंत्रों को एफपीओ के माध्यम से उपलब्ध करवाएं। देवरियां के किसान रमेश सिंह ने मृदा परीक्षण में सुक्ष्म तत्वों की जांच नहीं करने और किसान क्रेडिट कार्ड की समस्या बतायी। बस्ती के किसान राजेंद्र प्रसाद ने जंगली पशुओं से फसलों के नष्ट होने की समस्या को रखते हुए बचाने के उपाय और इस पर सरकार को काम करने के लिए कहा। बलिया के किसान ने प्राकृतिक खेती के लिए और भी सुविधा प्रदान करने की बात कही। मऊ से आए किसान शिवाकांत सिंह एव दुर्गेश तथा कुशीनगर से आए किसान यशपाल सिंह ने कृषि, पशुपालन, बागवानी से संबंधित विभिन्न समस्याओं को रखने के साथ सुझाव भी दिये। कृषि मंत्री किसानों की समस्या और सुझाओं को सुनने के बाद वहां उपस्थित कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह तथा अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी समेत अन्य अधिकारियों को समस्याओं के समाधान कराने निर्देश दिया। इस मौके पर ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, गोरखपुर के मण्डलायुक्त अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश समेत बस्ती, एवं आजमगढ़ के मण्डलायुक्त, कृषि और उद्यान और पशुपालन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।