बंद एवं खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के निजीकरण हेतु वर्गीकरण की अनुशंसा करने का निर्णय

काठमांडू! निजीकरण समिति ने कुछ बंद, बीमार और खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के निजीकरण वर्गीकरण के लिए मंत्रिपरिषद को एक प्रस्ताव की सिफारिश करने का निर्णय लिया है। उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई समिति की बैठक में जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री, नेपाल मेटल कंपनी, हेटौडा टेक्सटाइल इंडस्ट्री के वर्गीकरण के प्रस्ताव की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया।
इसी प्रकार, विराटनगर जूट मिल, बुटवल यार्न फैक्ट्री, गोरखाकाली रबर उद्योग, उदयपुर और हेटौडा सीमेंट फैक्ट्री को अवर्गीकृत करने के प्रस्ताव की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा वर्गीकरण के बाद परिसंपत्ति एवं देनदारी मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञों की एक अध्ययन समिति का गठन किया जाएगा।
संपत्ति और देनदारियों का आकलन करने के बाद विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर निजीकरण के पैटर्न और प्रक्रिया की पहचान की जाएगी और नेपाल सरकार को इसकी सिफारिश की जाएगी।
समिति की बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार जनकपुर सिगरेट फैक्ट्री, नेपाल मेटल कंपनी, हेटौडा कपड़ा उद्योग, विराटनगर जूट मिल, बुटवल यार्न फैक्ट्री और गोरखकली रबर उद्योग लंबे समय से बंद और बीमार हैं। इसी तरह, उदयपुर और हेटौडा सीमेंट कारखाने भी खराब प्रदर्शन स्तर के साथ लगातार घाटे में चल रहे हैं।
उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री दामोदर भंडारी, संघीय संसद वित्त समिति के अध्यक्ष संतोष चालीसे, प्रतिनिधि सभा के सदस्य और निजीकरण समिति के सदस्य राजन केसी, राष्ट्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शिवराज अधिकारी, नेपाल उद्योग और वाणिज्य महासंघ के अध्यक्ष चंद्र ढकाल, मंत्रालयों के सचिव और अन्य ने भाग लिया।